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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने विपक्षी एकता को लेकर कहा कि, अगर कई राजनीतिक दल एक साथ आएंगे तो उनके विचार अलग-अलग हो सकते हैं. मैंने केवल अपनी बात रखी है, अब मुझे नहीं मालूम ये कौन कह रहा है कि विपक्षी एकता नहीं है. अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर पवार ने कांग्रेस से अलग राय रखने के बाद विपक्षी एकता पर यह बयान दिया है.
बता दें कि टीवी चैनल से खास बातचीच में शरद पवार ने कहा था कि अडानी और हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग व्यर्थ है. उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा कि, "अडानी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक समिति गठित की है जो इसकी जांच करेगी, और जेपीसी से सुप्रीम कोर्ट की जांच अधिक विश्वसनीय और निष्पक्ष होगी."
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका बयान ऐसे समय में विपक्षी एकता को नुकसान पहुंचाएगा जब विपक्षी पार्टियां अडानी विवाद में जेपीसी मांग पर अड़े हुए हैं, तो पवार ने कहा, "जहां तक विपक्षी एकता का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि जेपीसी की मांग में कुछ है. मेरी पार्टी ने जेपीसी की मांग का समर्थन किया है लेकिन मुझे लगता है कि पैनल में सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों का वर्चस्व होगा. इसलिए मैं कह रहा हूं कि जेपीसी जांच की मांग को विपक्षी एकता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए."
पवार ने कहा "जब कई राजनीतिक दल एक साथ आते हैं तो सबकी राय अलग एलग होना तय है. सावरकर पर हुए विवाद में भी ऐसा ही हुआ और वह विवाद अब सुलझ गया है."
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