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संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) से पहले शरद पवार (Sharad Pawar) की पीएम मोदी (PM Modi) से मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
वैसे किसी भी बड़े विपक्षी नेता की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात होने पर आमतौर एक ही मतलब निकाला जाता है, लेकिन इसके और भी मायने हो सकते हैं.
शरद पवार का एक ट्वीट, केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उनका बयान और इस मुलाकात की टाइमिंग से आप इस मुलाकात के बारे में बहुत कुछ अंदाजा लगा सकते हैं.
चूंकि कुछ दिन पहले चर्चा चली थी कि शरद पवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं तो इस मुलाकात ने एक बार फिर उसी चर्चा को हवा दे दी, लेकिन खुद पवार कह चुके हैं कि इसकी कोई संभावना नहीं है. इसके पीछे उन्होंने संसद में नंबरों का हवाला दिया था. शरद पवार ने इसको आधिकारिक मुलाकात बताया.
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मालिक और शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी साफ कर दिया है कि शरद पवार और पीएम मोदी के बीच हुई बैठक पहले से तय थी. इस बैठक के बारे में सीएम उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी एच. के. पाटिल को पूर्व सूचना थी.
पवार ने पीएम मोदी को भेजे एक लेटर को ट्वीट किया है. इस लेटर में पवार ने बैंकिंग रेग्युलेटरी एक्ट के तहत को-ऑपरेटिव बैंकों में RBI की बढ़ती दखलंदाजी पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि ये राज्य के अधिकारों पर केंद्र की दखल है. इससे पहले जब केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और अमित शाह के नेतृत्व में एक सहकारिता मंत्रालय बना दिया गया था, तब भी शरद पवार ने कहा था कि सहकारिता राज्य का विषय है और इसमें केंद्र हस्तक्षेप नहीं कर सकता.
महाराष्ट्र में एनसीपी के कई नेता अलग-अलग मामलों में ED के रडार पर हैं. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, एकनाथ खडसे और डिप्टी सीएम अजित पवार की गंभीर मामलों में ED जांच कर ही है. ऐसे में पवार - मोदी की मुलाकात में इन मामलों पर चर्चा होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है.
अगर पवार ने ऊपर दिए गए मुद्दों पर पीएम से कुछ मांग की है तो अगला सवाल है कि क्या उनकी बात सुनी जाएगी. इस सवाल का जवाब ये है कि वो बदले में क्या दे सकते हैं? जवाब हो सकता है शांति.
केंद्र इन मसलों को लेकर चितिंत है, इसका अंदाजा हमें मिलता है जब हम ये गौर करते हैं कि शरद पवार की पिछले दिनों बीजेपी के दो बड़े नेताओं से दिल्ली में मुलाकात हुई है. राज्यसभा में लीडर ऑफ हाउस बनने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शरद पवार से उनके घर पर मुलाकात की.
उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और शरद पवार के साथ चीन के मुद्दे पर बैठक की. रविवार को पीएम सर्वदलीय बैठक कर रहे हैं. उधर विपक्ष भी अपने हमले की तैयारी कर रहा है.
सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस के सांसदों के साथ बैठक बुलाई है. ये भी याद रखना चाहिए कि बंगाल से चले प्रशांत किशोर पवार और फिर राहुल गांधी से मिल चुके हैं. तो क्या पीएम मोदी ने मॉनसून सत्र में पवार से मनुहार की है कि विपक्ष में गरजे-बरसे?
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