advertisement
एनसीपी प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र के नांदेड़ में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस जनसभा में शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा कि वो बताएं कि मंदी के दौरान कितने कारखाने बंद हुए हैं. इस जनसभा में पवार ने 'मराठी मानूस' का मुद्दा उठाया और कहा कि टेक्सटाइल की राजधानी मुंबई से ही मराठी मानूस को दरकिनार किया जा रहा है.
ऐसे ही हिंगोली में एक सभा में पवार ने कहा कि मुंबई में 120 टेक्सटाइल मिलें थी लेकिन आज 10 ही काम कर रहीं हैं. पवार ने कहा मुंबई कभी दुनिया का टेक्सटाइल हब हुआ करता था. यहां 120 टेक्सटाइल मिलें थीं, जिसमें 4 लाख लोग काम करते थे...अब इन मिलों की जगह 30-40 मंजिला इमारतें बन गईं हैं. जहां हमें मराठी मानूस देखने को नहीं मिलते. वो सारी प्रॉपर्टी अब दूसरों के हाथों में चली गई हैं.
सिर्फ महाराष्ट्र में लगभग 16 हजार किसानों ने आत्महत्या की है. कर्ज बढ़ना, मौसम की मार और उत्पादों पर कम दाम मिलना ये सब किसानों की आत्महत्या की वजहें हैं. पवार ने कहा, ''लेकिन सत्तासीन पार्टी को किसानों से कुछ लेना देना नहीं हैं. वो कहते हैं कि वो कंपनियों का कर्जा माफ कर देंगे लेकिन किसानों का नहीं क्योंकि कंपनियां रोजगार देती हैं. लेकिन जो हमारा पेट भरते हैं उनकी कर्जमाफी नहीं होती.”
गुरुवार को ही पीएम मोदी की महाराष्ट्र के नासिक में रैली थी इस रैली में पीएम ने शरद पवार के लिए कहा कि ‘‘मैं कांग्रेस के बारे में समझ सकता हूं कि वो एक कन्फ्यूज्ड पार्टी है लेकिन पवार जैसे अनुभवी नेता वोट के लिए गलतबयानी करते हैं तो बुरा लगता है. वो(पवार) पड़ोसी देशों को पसंद करते हैं लेकिन सबको पता है कि आतंक की फैक्टरी कहां है?’’
इसके जवाब में एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पीएम मोदी ने शरद पवार के दिए बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया, जिससे साबित होता है कि पीएम झूठ बोलते हैं. इसके साथ ही एनसीपी ने पीएम मोदी से माफी की मांग की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined