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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन की तुलना में शिवसेना के साथ गठबंधन ‘‘कठिन नहीं’’ है. उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी के साथ बगावत की थी क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जिस तरह से वार्ता चल रही थी उससे वह ‘‘पूरी तरह नाराज’’ थे.
धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस- एनसीपी और दशकों तक उग्र हिंदुत्व की विचारधारा की समर्थक शिवसेना के बीच गठबंधन के वास्तुकार पवार ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर अलग होने के बावजूद गठबंधन के बीच ‘‘पूर्ण समझदारी’’ है. उन्होंने विश्वास जताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए बीजेपी की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं है. हम वह मार्ग नहीं पकड़ सकते थे.’’
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ अजित पवार के हाथ मिलाने के बारे में पूछने पर शरद पवार ने कहा, ‘‘वह हमारे बीच चर्चा के बीच से ही लौट गए थे, कांग्रेस और हमारे बीच बातचीत से वह बहुत खुश नहीं थे. वह पूरी तरह नाखुश थे. उस स्थिति में उन्होंने ऐसा निर्णय किया.’’
देवेन्द्र फडणवीस ने 23 नवम्बर की सुबह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने थे.
पवार ने कहा, ‘‘लेकिन उन्हें महसूस हुआ कि यह सही निर्णय नहीं है और इसलिए अगली सुबह वह आए, मुझे देखा और इन सबसे अलग हो गए.’’
बहरहाल, उन्होंने कहा कि एनसीपी में उनके भतीजे की अच्छी पकड़ है लेकिन यह बताने से इंकार कर दिया कि महाराष्ट्र की नई सरकार में उनके भतीजे को उपमुख्यमंत्री का पद मिलेगा अथवा नहीं.
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