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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे. वह मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद इस पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित होने के एक महीने बाद ठाकरे (59) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में नये राजनीतिक समीकरण देखने को मिले.
चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद ठाकरे ने सहयोगी दल बीजेपी को मुख्यमंत्री पद साझा करने के अपने वादे की याद दिलाई. लेकिन बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इससे इनकार कर दिया कि ऐसा कोई वादा भी किया गया था.
इससे नाराज ठाकरे ने सरकार गठन को लेकर बीजेपी के साथ बातचीत रोक दी और कहा कि वह झूठा कहा जाना बर्दाश्त नहीं कर सकते.
भगवा पार्टियों के बीच गठबंधन के टूटने के साथ एक नया गठजोड़ देखने को मिला, जिसमें दो विभिन्न विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आईं. इसमें एक ओर जहां हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली शिवसेना है, तो वहीं दूसरी ओर इससे बिल्कुल अलग विचारधारा रखने वाली कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) हैं.
शरद पवार खुद चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. शरद पवार 18 जुलाई 1978 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्होंने प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा गठबंधन के तहत नयी सरकार के गठन के लिये कांग्रेस सरकार गिरा दी थी.
हालांकि, यह गठबंधन सरकार 17 फरवरी 1980 तक सत्ता में रही, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे भंग कर दिया. पवार कांग्रेस में लौटने के बाद एक बार फिर 25 जून 1988 से तीन मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री रहे.
उनका तीसरा कार्यकाल चार मार्च 1990 से तीन 25 जून 1991 तक रहा, जब वह रक्षा मंत्री के तौर पर नरसिंह राव कैबिनेट में शामिल किये गये. उन्हें मुंबई दंगों के बाद फिर से महाराष्ट्र वापस भेज दिया गया और वह छह मार्च 1993 से 13 मार्च 1995 तक मुख्यमंत्री रहे.
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Published: 27 Nov 2019,09:28 PM IST