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शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' को इंटरव्यू दिया है. 'सामना' के संपादक संजय राउत को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के मुकाबले कम सीटों पर चुनाव लड़ने से लेकर आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री बनाने जैसे सवालों पर बेबाकी से बात की है.
उद्धव ठाकरे ने साफ किया है कि 24 अक्टूबर को चुनावी नतीजों के बाद वो एक बार फिर से बात करेंगे.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ गठबंधन और उसके बाद हुए सीटों के बंटवारे के बाद उठ रहे सवालों पर इंटरव्यू में खुलकर अपनी बात रखी. शिवसेना नेता और 'सामना' के संपादक संजय राउत ने उद्धव ठाकरे से सवाल पूछे.
124 सीटों पर आपने जोड़-तोड़ की है?
जोड़-तोड़ नहीं की. बीजेपी की ओर से देवेंद्र जी, चंद्रकांत दादा हमेशा कहते थे कि हमारी अड़चन उद्धव जी ने समझी है. वो अड़चन मैंने समझी है.
शिवसेना के इतिहास में ये सबसे कम आंकड़ा है.
शिवसेना के इतिहास में ये आंकड़ा आज भले ही कम हो, लेकिन साथ ही शिवसेना के ज्यादा से ज्यादा विधायकों की संख्या की शुरुआत करने वाला भी ये पहला आंकड़ा होगा. ज्यादा से ज्यादा विधायक जीतने की जब शुरुआत होगी, तो ये पहला चरण होगा.
ठाकरे परिवार से चुनावी मैदान में उतरने वाले आदित्य ठाकरे पहले सदस्य हैं. आदित्य के चुनावी मैदान में उतरने के फैसले से पहले ही शिवसेना नेताओं ने उन्हें पार्टी का सीएम पद का उम्मीदवार बताया, तो कुछ नेताओं ने यहां तक कहा कि अगर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार आई, तो आदित्य ठाकरे उपमुख्यमंत्री होंगे.
हालांकि 'सामना' को दिए इंटरव्यू में पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे इन सभी कयासों को खारिज कर दिया है.
ठाकरे बोले तो ‘किंगमेकर’. वो कई पदों पर लोगों को बैठाते थे.
मैं बैठा हूं न अभी तक. मैं खेती-वेती नहीं करूंगा. बिल्कुल नहीं. मैं राजनीति से संन्यास भी नहीं लूंगा. शिवसेना प्रमुख को दिया गया वचन मैं जब तक पूरा नहीं करूंगा, तब तक चुप नहीं बैठूंगा. मैं उनके शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाऊंगा, मतलब बनाऊंगा ही. ये जब तक नहीं, होता तब तक मैं राजनीति नहीं छोड़ूंगा.
आदित्य कौन-सी जिम्मेदारी लेंगे?
रुको. अभी तो वो इस राजनीति में आया है. आदित्य आया है, मतलब वो मुख्यमंत्री होगा, ऐसा नहीं है. ये उसका पहला चुनाव है. उसकी संसदीय कामकाज में रुचि है. फिर चाहे विधानसभा हो, लोकसभा हो या राज्यसभा हो. आपने भी देखा, लोकसभा में जब बजट लाया जाता है, कोई अलग बिल आता है, तब वो उत्सुकता के साथ वहां आता है. विधान भवन में भी वो उत्सुकता के साथ वहां की गैलरी में बैठता है. उसे इंट्रेस्ट है. यह क्षेत्र बुरा नहीं. अच्छे युवक-युवतियां इस क्षेत्र में आएं. वो भी राज्य और देश का कामकाज हाथों में लें, ऐसा मेरा मानना है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आधे से भी कम सीटों पर शिवसेना चुनाव लड़ रही है. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से शिवसेना ने 124 सीटों पर अपने उमीदवार उतारे हैं. बावजूद इसके शिवसेना अध्यक्ष उद्धव को विश्वास है कि महाराष्ट्र में शिवसेना का सीएम होगा.
उद्धव का कहना है कि उन्होंने शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे को वचन दिया है कि महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसैनिक को सीएम बनाऊंगा.
आपने अभी ऐसा कहा कि शिवसैनिक को मुख्यमंत्री पद के तख्त पर बैठाने का वचन आपने बालासाहेब को दिया था.
निश्चित ही बैठाऊंगा.
लेकिन बीजेपी सुनेगी क्या?
मेरा वचन है और उसे मैं पूरा करूंगा.
क्योंकि हमेशा उनका निवेदन ऐसा आता है कि हम मुख्यमंत्री पद लेंगे.
कोई सुने या न सुने. ये वचन मैंने किसी से पूछकर नहीं दिया. ये वचन मैंने अपने सर्वस्व, अर्थात् मेरे गुरु, मेरे पिता, मेरे नेता… जो कुछ भी मैं मानता हूं, उन्हें दिया गया ये वचन है और इसे मैंने किसी की अनुमति से नहीं दिया है. किसी की अनुमति के कारण ये नहीं रुकेगा, किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.
मतलब महाराष्ट्र को शिवसेना का मुख्यमंत्री मिलेगा?
मिलेगा, निश्चित ही मिलेगा.
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