Home News Politics कोई BJP के साथ नहीं जाएगा, इसकी जिम्मेदारी मेरीः शरद पवार
कोई BJP के साथ नहीं जाएगा, इसकी जिम्मेदारी मेरीः शरद पवार
शक्ति प्रदर्शन के बीच विधायकों को दिलाई गई शपथ
क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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एनसीपी चीफ शरद पवार
(फोटोः PTI)
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महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के फ्लोर टेस्ट से पहले मुंबई के होटल हयात में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया. तीनों दलों के 162 विधायक इस शक्ति प्रदर्शन में शामिल हुए. इस दौरान शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों को शपथ भी दिलाई गई.
इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि अनैतिक तरीके से देश में सरकार बनाने की रीति बीजेपी ने शुरू की है. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने महाराष्ट्र में अनैतिक तरीके से सरकार बनाई. इससे पहले इन्होंने कर्नाटक और मणिपुर में भी ऐसा ही किया था.’
शक्ति प्रदर्शन में क्या बोले शरद पवार?
कोई भी पार्टी के खिलाफ नहीं जाएगा, अजित पवार के साथ नहीं जाएगा, इस बात की जिम्मेदारी मेरी है
अजित पवार का बीजेपी के साथ सरकार बनाने का निर्णय पार्टी का निर्णय नहीं है. उनके साथ जो नेता गए थे उन्हें भ्रमित करके ले जाया गया था. अब अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है
कल सुप्रीम कोर्ट फ्लोर टेस्ट के बारे में फैसला सुनाएगा. अब हम 162 लोगों को उसके लिए तैयार रहना है
जिस दिन फ्लोर टेस्ट होगा उस दिन 162 से ज्यादा विधायक हमारे साथ होंगे. जो लोग अनैतिक तरीके से सरकार में आए हैं उन्हें सत्ता से हटाया जाएगा
हमारे विधायक सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार तैयार रहेंगे
अब तो शिवसेना भी हमारे साथ आ गई है जो उन लोगों को सबक सिखाने के लिए काफी है
बीजेपी ने अनैतिक तरीके से जो सरकार बनाई है उससे महाराष्ट्र की जनता खुश नहीं है
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शक्ति प्रदर्शन में क्या बोले उद्धव ठाकरे?
मैंने फोटोग्राफ से पूछा कि क्या सबकी फोटो साथ में आ रही है? उसने कहा कि इतने लोग हैं कि सब एक फ्रेम में नहीं आ सकते
हमारा भरोसा सत्यमेव जयते में है नाकि सत्ता मेव जयते में
हम लोग सिर्फ 5 सालों के लिए साथ नहीं आए हैं. हम अगले 10-15 सालों के लिए भी साथ आएं, हमने राज्य में इसकी शुरुआत की है. अब हम शिवाजी का झंडा लेकर साथ में महाराष्ट्र से बाहर भी निकलेंगे
शक्ति प्रदर्शन के बाद शपथ
होटल ग्रैंड हयात में मौजूद तीनों दलों (शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी) के विधायकों को सोनिया गांधी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टियों के नाम की शपथ दिलाई गई और यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी विधायक द्वारा ऐसा काम नहीं होना चाहिए, जिससे बीजेपी को फायदा पहुंचे.