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महाराष्ट्र से टैक्स रुका तो केंद्र को लगानी पड़ेगी ऑक्सीजन:शिवसेना

शिवसेना का आरोप- कोरोना से लड़ने में महाराष्ट्र सरकार को नाकाम साबित करने की कोशिश

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे
(फोटो: PTI)

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महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी और निर्यात को लेकर मुंबई पुलिस की ओर से एक फार्मा कंपनी के टॉप एग्जीक्यूटिव से पूछताछ पर आपत्ति जताए जाने को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उसने बीजेपी नेताओं देवेंद्र फडणवीस और प्रवीण दारेकर की आलोचना करते हुए जानना चाहा है कि क्या यह कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था को खराब करने की साजिश है?

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा है, ''हालात ऐसे हैं कि एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने की बजाय, साथ मिलकर महाराष्ट्र की स्थिति का सामना करना चाहिए लेकिन विपक्ष का ‘एजेंडा’ सीधा है. महाराष्ट्र की सरकार कोरोना से लड़ने में नाकाम साबित हो, इसके लिए केंद्र की मदद से उनका खास प्रयास चल रहा है.''

सामना के संपादकीय में लिखा गया है, ‘’केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र की वकालत करने की बजाए जावडेकर की तरह महाराष्ट्र विरोधी तान छेड़ने लगे हैं. गोयल का दावा है कि प्राणवायु (ऑक्सीजन) की सबसे ज्यादा आपूर्ति महाराष्ट्र को ही हो रही है. फिर भी ठाकरे सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नाकाम सिद्ध हुई है. सवाल ये है कि महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा प्राणवायु देकर केंद्र की सरकार कोई बड़ी मेहरबानी कर रही है क्या? मुंबई सहित महाराष्ट्र आपकी अर्थात केंद्र की तिजोरी में सबसे ज्यादा  पैसा ‘खनकाते’ हुए डालता है, यह आपूर्ति रुक जाए तो दिल्ली के नाक और मुंह में प्राणवायु की नली लगानी पड़ेगी.’’
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शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र देश के लोगों की रोजी-रोटी की व्यवस्था हमेशा से करता रहा है, आज भी कर रहा है लेकिन आज महाराष्ट्र संकट में है, ‘उस दौरान केंद्र के मंत्री लेन-देन का बहीखाता लहराकर महाराष्ट्र को परेशान कर रहे हैं.’

फडणवीस ने लगाया था रेमडेसिविर सप्लायर को परेशान किए जाने का आरोप

रेमडेसिविर के निर्यात पर प्रतिबंध होने के बावजूद इंजेक्शन की हजारों शीशियां विदेश भेजे जाने की सूचना मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने शनिवार को एक फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ की थी.

यह सूचना मिलने पर कि कंपनी के निदेशक से पूछताछ की जानी है, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य बीजेपी के एक अन्य नेता प्रवीण दारेकर तुरंत पुलिस थाने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्य में रेमडेसिविर की कमी के कारण फार्मा कंपनियों से संपर्क कर रही है.

फडणवीस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने दमन के रेमडेसिविर सप्लायर को इसलिए परेशान किया, क्योंकि महाराष्ट्र में इस दवा की सप्लाई के लिए बीजेपी नेताओं ने उससे संपर्क साधा था.

हालांकि, सोमवार को सामना के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि COVID-19 के मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति को लेकर राजनीति की जा रही है.

उसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं, लेकिन बीजेपी के नेता यह इंजेक्शन फार्मा कंपनियों से सीधे-सीधे खरीद रहे हैं.

शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि विपक्ष के नेता ने राज्य के बजाए किसी फार्मा कंपनी की वकालत की हो. सामना में सवाल किया गया है, ‘‘क्या यह कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था खराब करने का षड्यंत्र नहीं है?’’

शिवसेना ने दावा किया है कि इंजेक्शन का उपलब्ध स्टॉक सीधे-सीधे बीजेपी को मुहैया कराना, फार्मा कंपनियों की ओर से किया गया ‘अपराध’ है.

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