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एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करके महाराष्ट्र की सत्ता में आने के बाद शिवसेना ने अपनी पहले की सहयोगी पार्टी बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि बीजपी को अगले 5 साल पीछे हटने की आदत डालनी पड़ेगी.
सामना के संपादकीय में लिखा गया है, ''(शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस) सरकार के साथ 170 विधायकों का बल है, ये हम पहले दिन से ही कह रहे थे. मगर (देवेंद्र) फडणवीस के चट्टे-बट्टों के चश्मे से ये आंकड़ा 130 के ऊपर जाने को तैयार नहीं था...170 का आंकड़ा देखकर फडणवीस के नेतृत्व वाला विपक्ष विधानसभा से भाग खड़ा हुआ.''
फडणवीस को लेकर सामना के संपादकीय में लिखा गया है, ''मुख्यमंत्री की हैसियत से देवेंद्र फडणवीस ने जो गलतियां कीं, वो विरोधी पक्ष के नेता के तौर पर उन्हें नहीं करनी चाहिए. विपक्ष के नेता पद की शान और प्रतिष्ठा बरकरार रहे, ऐसी हमारी इच्छा है.''
नाना पटोले को लेकर सामना ने लिखा है, ''विधानसभा अध्यक्ष पद पर नाना पटोले की नियुक्ति तो सबसे बड़ा तमाचा है. प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में बगावत करके सांसद के पद से इस्तीफा देने वाले भाजपाई क्रांतिवीर के रूप में नाना पटोले का नाम दर्ज है. वह विधानसभा में भी जीत गए और अब विधानसभा अध्यक्ष बन गए. मोदी किसी को बोलने नहीं देते, ऐसा पटोले का कहना था. अब विधानसभा में फडणवीस को बोलना है या नहीं यह नाना पटोले तय करेंगे.''
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Published: 02 Dec 2019,09:08 AM IST