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जेएनयू हिंसा को लेकर शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि मोदी-शाह को जो चाहिए, वही होता दिखाई दे रहा है, देश संकट में है.
सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि बीजेपी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर ‘हिंदू-मुस्लिम दंगे’ होते देखना चाहती थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसमें लिखा गया है कि चूंकि CAA के मुद्दे पर बीजेपी अलग-थलग पड़ गई, इसलिए अब कई चीजें ‘बदले की भावना’ से हो रही हैं.
संपादकीय में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का जेएनयू हमले के “अज्ञात” हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला हास्यास्पद है. इसमें कहा गया है, ‘‘चेहरे पर नकाब ओढ़कर जेएनयू में प्रवेश करने वाले लोग अज्ञात नहीं हैं.’’
संपादकीय के मुताबिक, ‘‘विद्यापीठ और महाविद्यालयों को रक्तरंजित कर, विद्यार्थियों से मारपीट कर और उससे जली होली पर सत्ता की रोटी सेंकी जा रही है. इतनी निकृष्ट राजनीति कभी किसी ने नहीं की है. जेएनयू की हिंसा का प्रतिसाद देशभर में देखने को मिलने लगा है. मोदी-शाह को जो चाहिए, वही होता दिखाई दे रहा है. देश संकट में है.’’
संपादकीय में आगे कहा गया है, ‘‘अमित शाह जब राहुल और प्रियंका गांधी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हैं, तब एक प्रकार से वे स्वीकार करते हैं कि सरकार के एक कानून के विरोध में जनमत तैयार करने और लोगों को रास्ते पर उतारने की ताकत राहुल और प्रियंका गांधी में है. दूसरी बात ये है कि गांधी भाई-बहन ने दंगे भड़काए कि नहीं, ये नहीं कहा जा सकता, लेकिन देश के गृह मंत्री और उनकी पार्टी के लिए घर-घर जाकर CAA के पर्चे बांटने की नौबत जरूर आ गई है.’’
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