मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘आज के शिवाजी, मोदी’ किताब पर बवाल,शिवसेना पर बरसे शिवाजी के वंशज

‘आज के शिवाजी, मोदी’ किताब पर बवाल,शिवसेना पर बरसे शिवाजी के वंशज

उदयनराजे ने एनसीपी चीफ शरद पवार को भी आड़े हाथों लिया है.

रौनक कुकड़े
पॉलिटिक्स
Published:
शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोंसले का शिवसेना पर हमला
i
शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोंसले का शिवसेना पर हमला
(फोटो: Altered by The Quint)

advertisement

“आज के शिवाजी, नरेंद्र मोदी” बीजेपी कार्यकर्ता भगवान गोयल की इस किताब से शुरू हुआ विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है. शिवाजी के वंशज और पूर्व सांसद उदयनराजे भोंसले ने पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा की शिवाजी महाराज से किसी की तुलना नहीं हो सकती. साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले पर संजय राउत के सवालों पर शिवसेना को घेरा.

दरअसल, भगवान गोयल की किताब के प्रकाशित होने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने सवाल उठाया था कि क्या शिवाजी महाराज के वंशजों को ये मंजूर है कि नरेंद्र मोदी की तुलना शिवाजी महाराज से की जाए?

इसी का जवाब देते हुए उदयनराजे ने शिवसेना पर पलटवार किया है. साथ ही एनसीपी चीफ शरद पवार को भी आड़े हाथों लिया है.

सवाल जो उदयनराजे ने पूछे ?

  • शिवसेना पार्टी का नाम क्या शिवाजी महाराज के वंशजों से पूछकर रखा था?
  • शिवसेना भवन पर बालासभा ठाकरे की तस्वीर ऊपर है शिवाजी महाराज की नीचे क्यों?
  • मुंबई में वडापाव का व्यवसाय BMC ने शुरू किया उससे ‘शिववाडा पाव’ नाम देने से पहले महाराज के वंशज से पूछा था क्या?
  • महाशिवअघाड़ी से महाविकासअघाड़ी हुई,शिव क्यों हटाया? इसका जवाब कौन देगा?
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बिना नाम लिए शरद पवार पर निशाना

उदयनराजे यही नहीं रुके, उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बिना नाम उनपर हमला बोला. उन्होंने कहा की राज्य में कुछ लोगों “जाणता राजा” ये उपमा लगाकर घूमते है, तब कभी वंशज से नहीं पूछा गया.

बता दें कि महाराष्ट्र में शरद पवार को “जाणता राजा” कहा जाता है “जाणता राजा” शिवाजी को दी हुई उपाधि है. इतना ही नहीं उदयनराजे ने दुख जताते हुए कहा की शिवाजी महाराज के नाम का केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए आजतक इस्तेमाल किया गया है. केवल भाषणों में महाराज का नाम नहीं होना चाहिए, बल्कि आचरण में भी लाने की जरूरत है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, बीजेपी कार्यकर्ता जयभगवान गोयल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक किताब 'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' लिखी थी. जयभगवान गोयल की इस किताब पर शिवसेना, NCP और कोंग्रेस तीनों पार्टियों ने आपत्ति जताई थी. हालांकि बवाल बढ़ाने के बाद बीजेपी ने इस किताब से खुद को किनारे कर लिया था. लेखक ने भी किताब वापस लेने का भरोसा दिलाया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT