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शिवसेना ने अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में BJP पर ‘अलग-अलग केस में अलग-अलग मापदंड’ अपनाने का आरोप है. पार्टी ने कहा है कि जब एक अनजान सा बीजेपी कार्यकर्ता एक किताब प्रकाशित कराता है तो पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर उसका बचाव करती है. लेकिन वो आसानी से भूल जाती है कि जेएनयू के छात्रों के मामले में भी यही सिद्धांत लागू होता है, जो इसके लिए लड़ रहे हैं.
बता दें कि दिल्ली बीजेपी के नेता जय भगवान गोयल की किताब ‘आज के शिवाजी : नरेंद्र मोदी’ से महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया है. किताब पर प्रतिबंध की मांग करने वाली शिवसेना ने हैरानी जतायी कि बीजेपी ने गोयल को पार्टी से अब तक निलंबित क्यों नहीं किया है.
शिवसेना ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि इस मामले का निपटारा हो जाए लेकिन किताब का लेखक इसे फिर से लिखने पर डटा हुआ है, इससे साफ जाहिर होता है कि मुद्दा अबतक नहीं निपटा है.’’
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘‘सामना’’ में सावरकर को भारत रत्न प्रदान करने की अपनी पुरानी मांग फिर से उठाई है. पार्टी ने 'सामना' के एक संपादकीय में मांग की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय हिंदुत्व के विचारक सावरकर पर अशोभनीय टिप्पणी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश जारी करे.
सावरकर की विरासत को बरकरार रखने के लिए बीजेपी पर केवल बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए शिवसेना ने पूछा, "क्या गृह मंत्रालय उनके खिलाफ अशोभनीय सूचना फैलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए आदेश जारी करेगा?"
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