मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जिनकी अर्थी को ईरानी ने दिया कंधा, उन्होंने दिया था जीत का आइडिया 

जिनकी अर्थी को ईरानी ने दिया कंधा, उन्होंने दिया था जीत का आइडिया 

अमेठी में चप्पल बांटने वाली घटना के सहारे बीजेपी नेताओं खासतौर से स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार को खूब घेरा था.

विक्रांत दुबे
पॉलिटिक्स
Updated:
जिनकी अर्थी को ईरानी ने दिया कंधा, उन्होंने दिया था जीत का आइडिया
i
जिनकी अर्थी को ईरानी ने दिया कंधा, उन्होंने दिया था जीत का आइडिया
(फोटो:PTI)

advertisement

गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी ने पैर जमाया तो इसके पीछे चंद चुनिंदा कार्यकर्ताओं का साथ था, जिसमें शामिल थें सुरेंद्र सिंह. याद कीजिए अमेठी में चप्पल बांटने वाली घटना, जिसके सहारे बीजेपी नेताओं खासतौर से स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार को खूब घेरा था. ट्विटर और फेसबुक पर स्मृति ईरानी ने अमेठी के लोगों के नंगे पैरों का जिक्र कर अमेठी के विकास के दांवों की बखिया उधेड़ दी थी. अमेठी की राजनीति में इसे स्मृति ईरानी का मास्टरस्ट्रोक माना गया. इस घटना के बाद स्मृति ईरानी ने अपने पांव तेजी से जमाने शुरू कर दिए. चप्पल बांटने का ये आइडिया बतौलियां गांव के प्रधान सुरेंद्र सिंह का था. जिनकी 25 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई.

साल 2015 में जब बरौलिया गांव में आग लगी तो सुरेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी स्मृति ईरानी को दी. आग की सूचना मिलने पर स्मृति खुद गांव पहुंचीं और लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुना और लोगों को जरूरी सामान भिजवाया. बरौलिया गांव तब और सुर्खियों में आ गया जब स्मृति ईरानी के कहने पर पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे गोद लिया.

सुरेंद्र सिंह के कहने पर मनोहर पर्रिकर ने बरौलियां गांव के लोगों के लिए 25 हजार चप्पलें भिजवाई. ये घटना सुरेंद्र सिंह के राजनीतिक करियर के लिए टर्निंग प्वांइट बन गई. सुरेंद्र सिंह के इस आइडिया को बीजेपी ने जोर-शोर से भुनाना शुरू कर दिया. गांव में चप्पल बंटवाने के बाद अमेठी के विकास को लेकर पूरे देश में किरकिरी हुई. स्मृति ईरानी समेत बड़े बीजेपी नेताओं ने इसके बहाने गांधी परिवार को खूब घेरा. पूरे देश में मैसेज ये गया कि आजादी के सत्तर साल बाद भी अमेठी में लोगों के पांव में पहनने के लिए एक अदद चप्पल नहीं है.

चप्पल के आइडिया ने बदल दी स्मृति की किस्मत

स्मृति ने जिस तरह से इस घटना को लोगों के सामने रखा, उसे अमेठी में उन्हें एक नई पहचान मिली. वो लोगों को बताने में कामयाब रही कि सालों तक गांधी परिवार ने अमेठी की जनता को छला है. धीरे-धीरे अमेठी की जनता ने भी स्मृति पर भरोसा जताना शुरू कर दिया. नतीजा ये रहा कि साल 2019 आते-आते गांधी परिवार का सबसे मजबूत किला ढह गया. पहली बार ऐसा हुआ जब कांग्रेस के किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

विरोधियों की आंखों में चुभने लगे थे सुरेंद्र

चप्पल के आइडिया के बाद से ही सुरेंद्र सिंह विरोधियों की आंखों के किरकिरी बन गए थे. बढ़ती राजनीतिक हैसियत से घबराए विरोधियों ने सुरेंद्र सिंह को धमकी भी दी. इस बीच 25 मई की रात को अज्ञात लोगों ने सुरेंद्र सिंह को उस वक्त गोली मार दी जब वह अपने घर में सो रहे थे. सुरेंद्र सिंह के अंतिम संस्कार में स्मृति ईरानी भी पहुंची और उन्हें शव को कंधा भी दिया. मीडिया से बातचीत करते हुए सुरेंद्र सिंह के बेटे ने कहा कि मेरे पिता स्मृति ईरानी के साथ चुनाव प्रचार करते थे. ये बात कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को अच्छी नहीं लगती थी. मुझे कुछ कार्यकर्ताओं पर शक है.

स्मृति ईरानी के ‘राइट हैंड’ थे सुरेंद्र सिंह

सुरेंद्र सिंह की गिनती गौरीगंज विधानसभा में प्रभावशाली नेताओं में होती थी. साल 2014 के पहले वह पूर्व विधायक तेजभान सिंह के साथ रहते थे. लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी मुलाकात जब बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी से हुई तो उनका रूतबा काफी बढ़ गया. लोकसभा चुनाव के दौरान सुरेंद्र सिंह ने स्मृति ईरानी की भरपूर मदद की थी. बताते हैं कि साल 2014 में स्मृति ईरानी ने सुरेंद्र सिंह जैसे चुनिंदा नेताओं की बदौलत अमेठी जैसे मजबूत किले में सेंध लगा लगी थी. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद भी स्मृति ईरानी सुरेंद्र सिंह के संपर्क में रहती थी. स्मृति ईरानी जब भी अमेठी आती थी, तो सुरेंद्र सिंह उनके साथ दिखते थे. कुछ लोग तो उन्हें स्मृति ईरानी का राइट हैंड भी कहते थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 26 May 2019,09:30 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT