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यूपी के सोनभद्र में हुए नरसंहार में अब पीड़ितों के परिवार ने बड़ा खुलासा किया है. किसी तरह यूपी प्रशासन की नजरों से छिपकर प्रियंका गांधी से मिलने मिर्जापुर के चुनार पहुंचे परिजनों ने योगी सरकार की पोल खोलकर रख दी. पीड़ितों के परिजनों ने इस खौफनाक मंजर की पूरी कहानी बताई और कहा कि प्रशासन की तरफ से उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं मिली.
प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे पहले ही इस घटना के बारे में बता दिया गया था. उन्होंने कहा, पूरा जिला प्रशासन जानता था कि ऐसी कोई घटना होने वाली है. सभी अधिकारी उनके दबाव में थे. घटना की सुबह जब पुलिस को बताया गया कि कई लोग जमीन पर कब्जा करने यहां आ रहे हैं तो पुलिस ने कहा कि जब तक हम लोग नहीं कहेंगे तब तक वहां कोई भी नहीं जाएगा. पुलिस को मौके पर आने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.
सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों के परिजनों ने पूरी घटना के बारे में भी मीडिया को बताया. उन्होंने बताया कि कैसे उनके रिश्तेदारों को मौत के घाट उतार दिया गया. उन्होंने बताया, 17 तारीख को सुबह 11 बजे विवादित जमीन पर प्रधान के साथ लगभग 200 से ज्यादा लोग पहुंचे. जिनमें से 14-15 लोगों के हाथों में बंदूकें थीं. बाकी लोगों ने लाठियां पकड़ी हुई थीं. जैसे ही वो जमीन जोतने लगे तो गांव वाले वहां पहुंच गए. हमने सोचा कि बातचीत करेंगे. लेकिन हमारे वहां पहुंचते ही ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं, लाठियों से गांव वालों को पीटा गया. घटना के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक कई लाशें बिछ चुकी थीं.
प्रियंका गांधी ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के बाद कहा, बिना हथियार के निहत्थे गांव वालों पर हमला बोला गया. उनके पास बंदूके थीं, पहले लाठी चलाईं फिर गोली मारने लगे. जिन पर गोली लगी थी और जमीन पर लेटे थे, उन्हें भी डंडों से मारते रहे. कई बच्चे ऐसे भी हैं जिनके माता-पिता की हत्या कर दी गई है. प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़ितों की सभी मांगे मानी जानी चाहिए. उनकी मांग है कि-
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