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केंद्र में एक बार फिर बीजेपी सरकार आने के बाद राम मंदिर का मुद्दा उठना शुरू हो चुका है. खुद बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की है. उनके अलावा शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने भी राम मंदिर का मुद्दा छेड़ा है. उन्होंने भी पीएम मोदी से मांग की है कि जल्द भव्य राम मंदिर निर्माण किया जाए.
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने राम मंदिर निर्माण के अलावा राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की भी मांग की है. इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी को एक लेटर लिखा है. यह लेटर 31 मई को लिखा गया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को सार्वजनिक हित में किसी भी जमीन पर अधिग्रहण करने का अधिकार है. स्वामी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया जाए रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में सभी पक्षों को मुआवजा दिया जाएगा और विवादित भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए आवंटित किया जाए.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने एक बार फिर मोदी सरकार को उसका राम मंदिर निर्माण को लेकर किया गया वादा याद दिलाया. उन्होंने कहा, अब इस सरकार को अयोध्या में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर की स्थापना करने का वादा जरूर पूरा करना चाहिए. बीजेपी बरसों से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की बात करती आई है लेकिन उसने कभी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया. क्योंकि, बीजेपी के राम और धर्माचार्यों के राम में बड़ा फर्क है.
शंकराचार्य ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर यह तर्क भी दिया कि वहां राम जन्मभूमि पर मस्जिद नाम की कभी कोई इमारत या भूमि थी ही नहीं, न कभी वहां बाबर आया और न ही इतिहास में वहां मस्जिद को लेकर कोई उल्लेख है. उन्होंने कहा, बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने, विदेशों में गोमांस के निर्यात पर रोक लगाने, गोरक्षा के लिए कदम उठाने, देश की पवित्र नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने जैसे कई वादे सालों से किए हैं जिन्हें अब पूरा करने का वक्त आ गया है.
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Published: 03 Jun 2019,07:30 AM IST