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सुप्रीम कोर्ट पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कथित तौर पर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. इस सिलसिले में याचिका कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की तरफ से दायर की गई थी. याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग को बिना किसी हिचकिचाहट के मोदी-शाह के आचार संहिता उल्लंघन के मामलों पर फैसला लेना चाहिए.
चीफ जस्टिस गोगोई के नेतृत्व वाली 3 बेंच की पीठ ने ये फैसला लिया है. पीठ ने असम के सिलचर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी के इस बयान का संज्ञान लिया कि उनकी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की जाए क्योंकि निर्वाचन आयोग ने मोदी और शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में उनकी शिकायत पर कोई फैसला नहीं लिया है.
सुष्मिता देव अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं. देव ने बीजेपी के टॉप लीडर्स के खिलाफ शिकायतों पर निर्वाचन आयोग की कथित निष्क्रियता को ‘पक्षपात' का लक्षण और मनमाना बताया' है. देव का कहना है कि ये लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता के लिए नुकसान वाली बात है. सिंघवी ने एडवोकेट सुनील फर्नाण्डीज के साथ पीठ के सामने आरोप लगाया है कि नेताओं ने पिछले 4 हफ्ते के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है लेकिन निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस पार्टी की 40 से अधिक शिकायतों पर कोई फैसला नहीं लिया.
इस पर पीठ ने कहा कि याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की जाएगी. इससे पहले, कोर्ट ने उनसे पूछा कि वे बीजेपी नेताओं के नाम लेने में संकोच क्यों कर रहे हैं. पीठ ने कहा, ‘‘आप साफ साफ नाम क्यों नहीं लेते हैं?'' सुष्मिता देव ने आरोप लगाया है कि आम चुनाव का फैसला होने की तारीख 10 मार्च से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष ने खास तौर से संवेदनशील इलाकों और राज्यों में जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों और चुनाव कराने के नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन किया है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि ये जगजाहिर है कि वो नफरत फैलाने वाले भाषण दे रहे हैं, निर्वाचन आयोग साफ प्रतिबंध के बावजूद राजनीतिक प्रचार के लिये सशस्त्र बलों का बार-बार जिक्र कर रहे हैं. देव ने अपनी याचिका में मोदी और शाह के अपनी सभाओं में आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन की कई घटनाओं को लिस्ट किया है और कहा कि मोदी ने एक अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में अपने भाषण में पहली बार संहिता का उल्लंघन किया था जहां उन्होंने कथित रूप से भगवा आतंकवाद का मुद्दा उठाया था. मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का मुद्दा भी उठाया था.
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