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बिहार विधानसभा के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर गुरुवार, 21 अक्टूबर को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) शामिल हुए. इस कार्यक्रम में आरजेडी नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मौजूद नहीं रहे और इस बात को लेकर अब सूबे की राजनीति गरमा गई है. जहां जेडीयू ने तेजस्वी यादव को “भगोड़ा” बताया है वहीं बीजेपी ने उनके गैरमौजूदगी को “दलित समाज” से आने वाले राष्ट्रपति का अपमान कहा.
हालांकि दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने अपना पक्ष रखते हुए एक दिन पहले, 20 अक्टूबर को ही ट्वीट किया था कि कुशेश्वर स्थान उपचुनाव में पहले से “निर्धारित चुनावी कार्यक्रम एवं जन प्रतिबद्धता” के कारण विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में उपस्थित नहीं हो सकेंगे.
बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में तेजस्वी प्रसाद यादव की गैरमौजूदगी के मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि
इससे पहले 20 अक्टूबर को भी उन्होंने तेजस्वी प्रसाद यादव की गैरमौजूदगी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अपमान बताया था. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि
वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील मोदी ने इस ओर भी इशारा किया कि तेजस्वी यादव नीतीश सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे.
जनता दल- यूनिटेड के प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने फिर से यह साबित कर दिया कि वह भगोड़े हैं.
तेजस्वी यादव ने शताब्दी समारोह से एक दिन पहले ही यह स्पष्ट कर दिया कि पूर्व निर्धारित चुनावी कार्यक्रम के कारण वो शामिल नहीं हो पाएंगे. उन्होंने ट्वीट की
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