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एलजेपी नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बीजेपी के साथ संबंध ठंडे पड़ने के संकेतों के बीच, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि चिराग अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान की विरासत को आरएसएस विचारक एमएस गोलवलकर के विचारों के खिलाफ "अस्तित्व की लड़ाई" में शामिल होकर ही आगे बढ़ा सकते हैं. तेजस्वी का यह बयान विपक्ष से जुड़ने के लिए चिराग को न्योते के रूप में देखा जा रहा है.
इस बीच, तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सत्ता में आने और अपने ज्यादातर पुराने सहयोगियों से अधिकतम (फायदा) हासिल करने के बाद उनको "निपटाया" और "दूर" किया है.
तेजस्वी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी हमेशा रामविलास पासवान के साथ खड़ी रही और उन्होंने बताया कि जब एलजेपी के पास एक भी विधायक नहीं था और पासवान 2009 में चुनाव हार गए थे, तो लालू प्रसाद यादव ने उन्हें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कोटे से राज्यसभा भेजा था.
हाल ही में चिराग ने कहा था कि उनके पिता रामविलास पासवान और वह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ 'चट्टान' की तरह खड़े रहे, लेकिन जब इन 'कठिन' समय के दौरान उनके हस्तक्षेप की उम्मीद थी, तो भगवा दल साथ नहीं था.
यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा संकट के दौरान बीजेपी ने उनसे संपर्क किया था, उन्होंने कहा कि भगवा दल का चुप रहना "उचित" नहीं था, जबकि जेडीयू एलजेपी में 'विभाजन के लिए काम कर रही थी.’
(PTI के इनपुट्स के साथ)
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Published: 27 Jun 2021,05:02 PM IST