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तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के धुआंधार चुनाव प्रचार के बाद कुल 119 विधानसभा सीटों पर शुक्रवार को वोटिंग खत्म हो गई. राज्य में सत्ताधारी टीआरएस, कांग्रेस नीत गठबंधन और बीजेपी में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. तेलंगाना में पहली बार वोटिंग के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया.
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तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटों के लिए शाम छह बजे तक 67 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. चुनाव आयोग के मुताबिक, कुछ पोलिंग स्टेशन पर वोटिंग अभी भी जारी है.
बता दें, 2014 तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 69.5 फीसदी लोगों ने मतदान किया था.
बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा वोटर लिस्ट में नाम न होने की वजह से वोट नहीं डाल सकी. गुट्टा ने ट्वीटर पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘मैंने अपने नाम की जांच की थी और इसलिए आज मैं वोट करने गयी लेकिन मेरा नाम वोटर लिस्ट से गायब था. मेरा कहना है कि मेरे पिता और बहन का नाम तब से गायब है जबसे हमने इसकी ऑनलाइन जांच की थी.''
उन्होंने पूछा कि वोटर लिस्ट से उनका नाम क्यों हटाया गया, जबकि पिछले 12 साल से वह एक घर में रह रही हैं. ज्वाला ने कहा कि अगर नाम काटा जाता है तो संबंधित व्यक्ति को निश्चित तौर पर सूचित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी मां का नाम मतदाता सूची में है और उन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. ज्वाला के पिता क्रांति गुट्टा ने बताया कि लगभग एक महीने पहले ज्वाला का नाम वोटर लिस्ट में था.
हैदराबाद शहर से वोट देने अपने गांवों या पैतृक स्थान पर जाने वाले वोटरों के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार टोल माफ करने का फैसला किया है. राज्य के मुख्यसचिव ने मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिख कर सरकार के इस फैसले की मंजूरी देने की मांग की है.
चुनाव अधिकारियों ने रिपोर्टरों से कहा है कि टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों को देखते हुए उन्होंने मुख्य सचिव से टोल माफ करने का अनुरोध किया था. टोल लाइन में लाइनें खत्म होने से लोग जल्दी अपने पैतृक स्थानों पर पहुंच कर वोट दे सकेंगे
राज्य में पूर्ण बहुमत से जीतेगी टीआरएस : सीएम
तेलंगाना से बीजेपी एमपी बंडारू दत्तात्रेय ने मुशीराबाद विधानसभा क्षेत्र में रामनगर के बूथ नंबर 229 पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
मशहूर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा भी हैदराबाद के फिल्म नगर कल्चरल सेंटर के पोलिंग बूथ में अपना वोट डालने आईं. काली टी शर्ट पहने सानिया मिर्जा जब वोटरों की लाइन में लगी थीं उन्हें लेकर खासी उत्सुकता दिख रही थी.
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता मधु याक्षी एक हमले में बाल-बाल बच गए. न्यूज वेबसाइट 'द न्यूज मिनट' के मुताबिक गुरुवार की रात मेटपल्ली में उनके काफिले पर कुछ लोगों ने हमला किया लेकिन वह बाल-बाल बच गए.
चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर रजत कुमार ने न्यूज एजेंसी एआईएनएस को बताया कि तेलंगाना में वोटिंग शांतिपूर्ण ढंग से चल रही है. अभी तक किसी अप्रिय वारदात की कोई खबर नहीं है.
तेलंगाना में सुबह सात बजे 119 सीटों के लिए वोटिंग शुरू हो गई थी. सुबह साढ़े नौ बजे तक 10.15 फीसदी मतदान होने की खबर है. इस बीच, कई प्रमुख नेताओं और फिल्म स्टार्स ने मतदान केंद्रों पर जाकर वोट दिया.
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने शास्त्रीपुरम में मेलरदेवपल्ली के बूथ नंबर 317 में वोट डाला.
वारंगल में डिप्टी सीएम के श्रीहरि ने वोट डाला. इससे पहले सिंचाई मंत्री टी हरीश राव ने सिद्दीपेट में और बीजेपी के जी कृष्णा रेड्डी ने काचिगुड़ा में वोट डाले.
तेलंगाना में आम वोटरों के साथ फिल्म स्टार भी वोटिंग के लिए लाइन में लगे दिखे. हैदराबाद में जुबिली हिल्स के बूथ नंबर 152 पर अल्लु अर्जुन तो बूथ नंबर 151 पर एक्टर ए नागार्जुन और उनकी पत्नी अभिनेत्री अमाला अक्किनी भी वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे
हैदराबाद के अंबरपेट में जीएचएमसी इंडोर स्टेडियम में बने एक पोलिंग स्टेशन में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से वोटिंग शुरू नहीं हो पाई है. राज्य में 119 विधानसभा सीटों के लिए सुबह 7 बजे ही वोटिंग शुरू हो गई थी.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 119 सीटों के लिए वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हो गई. मतदान केंद्रों पर वोटरों की लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं.
तेलंगाना के कई इलाके ऐसे हैं, जहां आंध्र प्रदेश वाले इलाके के लोग बसे हुए हैं. ऐसी जगह TDP की अच्छी लोकप्रियता है. इसी तरह कांग्रेस का अपना वोटबैंक है, जो कैंडिडेट के बजाए पार्टी के प्रति वफादार है.
जानकारों के मुताबिक, केसीआर को थोड़ा-बहुत नहीं, अपना वोट शेयर 6 परसेंट से ज्यादा बढ़ाना होगा, वरना सरकार में उनकी वापसी खतरे में पड़ सकती है.
KCR की पार्टी को 2014 में सिर्फ 63 सीटें मिली थीं, लेकिन 2018 आते-आते वो बढ़कर 90 हो गईं. 4 साल में कांग्रेस के 12, टीडीपी के 13, वाईएसआर कांग्रेस के 3 और बीएसपी के दो विधायक TRS में शामिल हो गए.
टीआरएस के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और टीडीपी के जो विधायक चार साल में टीआरएस में शामिल हुए हैं, उनकी अपनी लोकप्रियता है, इसलिए विपक्ष कागज में वोट जोड़कर टीआरएस से आगे निकल जाना उनकी खुशफहमी है.
कुछ दिन पहले तक के. चंद्रशेखर राव की जीत बेहद आसान मानी जा रही थी, लेकिन कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन ने वोटों के लिहाज से उनके सामने कड़ी चुनौती रख दी है. पिछली बार के चुनाव में उन्हें जो वोट मिले हैं, वो जीत की गारंटी नहीं देते. यही वजह है कि वो टेंशन में लग रहे हैं.
119 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 60 सदस्य चाहिए और TRS को 2014 में सिर्फ 63 सीटें मिली थीं. वोट मिले थे केवल 34.3 परसेंट.
तेलंगाना में KCR का भरोसा हिला, कांग्रेस+TDP+CPI के पास ज्यादा वोट
Published: 06 Dec 2018,04:31 PM IST