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तेलंगाना में विधानसभा भंग किए जाने के बाद तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) के मुखिया चंद्रशेखर राव ने अपने 105 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला है.
चंद्रशेखर राव ने कहा, "हर कोई जानता है कि राहुल गांधी देश के कितने बड़े मसखरे हैं. पूरे देश ने देखा कि कैसे वह पीएम मोदी के पास गए, उनसे गले लगे. फिर किस तरह आंख मारी. वह जितना तेलंगाना आएंगे हमारी पार्टी उतनी ज्यादा सीटें जीतेगी."
बता दें, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने विधानसभा भंग कर समय से पहले चुनाव कराने की मांग की है. गुरुवार को कैबिनेट की बैठक करने के बाद राव ने राज्य के गवर्नर ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. गवर्नर ने राव की सिफारिश मंजूर कर ली है. साथ ही अगली सरकार बनने तक राव को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है.
पिछले कई दिनों से ये कयास लगाए जा रहे थे कि तेलंगाना में समय से पहले चुनाव कराने के लिए राव विधानसभा भंग करा सकते हैं. गुरुवार को राव ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और इसमें इस बात पर काफी विस्तार से चर्चा हुई इसके बाद राज्यपाल से मुलाकात की.
राज्यपाल से मिलकर केसी राव ने अपना इस्तीफा सौंपा. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, राज्यपाल ने केसीआर को कार्यवाहक मुख्यमंत्री का दायित्व निभाने के लिए कहा.
विपक्षी पार्टियों ने राज्य में जल्द चुनाव कराने के मुख्यमंत्री के कदम की आलोचना की है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि केसीआर अगले साल विधानसभा चुनाव होने पर टीआरएस के सत्ता में न आ पाने के डर से ‘नकारात्मक राजनीति' कर रहे हैं.
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख प्रवक्ता श्रवण दासोजु ने कहा, राज्य की स्थापना काफी 'संघर्ष और कुर्बानी' के बाद हुई थी और लोगों को विकास, खेती और रोजगार सृजन जैसे मुद्दे पर काफी आशाएं थी लेकिन ये वादे पूरे नहीं हुए. उन्होंने ने दावा किया कि पीएम मोदी और चंद्रशेखर राव के बीच ‘संदिग्ध समझौता' हुआ है.
श्रवण दासोजु ने कहा कि अगर लोकसभा के साथ-साथ तेलंगाना विधानसभा का चुनाव अगले साल होता तो ये चुनाव राहुल गांधी बनाम मोदी में बदल जाता और तेलंगाना जैसे राज्य में इसका फायदा कांग्रेस को मिलता.
बता दें, इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव है. राव चाहते हैं कि इसी के साथ तेलंगाना में भी चुनाव हो जाए. इसी वजह से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की गई.
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Published: 06 Sep 2018,01:52 PM IST