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पहले असम, फिर मणिपुर अब त्रिपुरा उत्तर पूर्व के तीन राज्य बीजेपी की झोली में चले गए हैं. त्रिपुरा में तो बीजेपी दो तिहाई बहुमत हासिल करने और नगालैंड में बेहतरीन बढ़त के बाद बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट राज्यों पर शानदार कब्जा जमाया है.
2014 में भारी बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद से बीजेपी ने कई राज्यों में अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की है. आज के समय में देश के 19 राज्यों में बीजेपी या उसके सहयोगियों की सरकार है. त्रिपुरा के साथ ही बीजेपी के खाते में देश के 20 राज्य आ गए हैं.
पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम और केरल जैसे कुछ राज्यों को छोड़ दें तो, 2014 के बाद बाकी राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में या तो बीजेपी ने खुद के दम पर या अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाने में कामयाब रही.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं. साल 1984 के बाद किसी भी राजनीतिक पार्टी हासिल होने वाली यह सबसे अधिक सीटें थी. केंद्र की सत्ता पर कब्जा जमाने के साथ ही बीजेपी ने उन राज्यों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशें शुरू कर दी, जहां वो सत्ता से दूर थी. बीजेपी की इस बढ़ती ग्राफ के पीछे निश्चित तौर पर पीएम मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति और मजबूत संगठन का मजबूत हाथ रहा है.
साल 2014 में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा के लिए चुनाव हुए. हरियाणा में बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत के साथ मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में सरकार बनाई, वहीं झारखंड में जीत हासिल कर रघुवर दास को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी.
आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार में बीजेपी साथ है. वहीं सिक्किम में बीजेपी की सहयोगी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है. सियासी उठापठक के बाद अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी सत्ता की भागीदार बनने में सफल रही.
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साल 2015 में दिल्ली और बिहार विधानसभा के लिए चुनाव हुए. एक तरफ दिल्ली में जहां बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं बिहार में महागठबंधन से बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी.
बीजेपी यहां जूनियर पार्टनर के रूप में शामिल हुई और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी राज्य के डिप्टी सीएम बने. इस तरह बिहार में करारी हार के बावजूद भी आज बीजेपी की सरकार है.
साल 2016 में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और असम में विधानसभा के लिए चुनाव हुए. लेकिन इनमें से तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी के नतीजे बीजेपी के लिए ठीक नहीं रहे. हालांकि असम में शानदार जीत के साथ बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट में दस्तक दी, वहीं पश्चिम बंगाल के 262 विधानसभा सीटों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई.
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साल 2017 में बीजेपी ने जबरदस्त वापसी करते हुए सात में से 6 राज्यों में सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की.
गोवा में कांग्रेस के मुकाबले कम सीटें जीतने और बहुमत नहीं हासिल करने के बावजूद भी बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही. वहीं पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पहली बार बीजेपी ने सरकार बनाई. हालांकि पंजाब में सहयोगी के साथ सत्ता पर काबिज बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन साल के अंत में बीजेपी ने हिमाचल में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर इस हार की भरपाई कर ली. साथ ही अपनी गुजरात की सत्ता को बचाने में भी बीजेपी कामयाब रही.
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अब 2018 की शुरुआत में त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर में हुए चुनाव में जहां त्रिपुरा में दो तिहाई बहुमत के साथ बीजेपी सरकार बना रही है. वहीं नगालैंड में भी अपने सहयोगी के साथ वो बहुमत के करीब दिख रही है. साथ ही मेघालय में भी सरकार बनाने के लिए नेशनल पीपुल्स पार्टी के साथ बात कर कोशिशें तेज कर दी है.
इसके अलवा राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी की सरकार हैं. साल के अंत में राजस्थान और मध्य प्रदेश में होनेवाले चुनाव में बीजेपी को जहां अपनी सरकार बचाने की चुनौती है. वहीं कर्नाटक में भी बीजेपी कमल खिलाने के लिए जी-जान से जुटी हुई है.
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