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महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी लगातार महा विकास आघाड़ी सरकार पर हमलावर हो रही है. बीजेपी नेता नारायण राणे ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की भी मांग कर डाली है.
इस बीच शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार के स्थायित्व पर संदेह से जुड़ी कई तरह की अटकलें सामने आ रही हैं. हालांकि शिवसेना और एनसीपी ने अटकलों को खारिज किया है और कहा है कि राज्य सरकार स्थिर है. मगर महाराष्ट्र में जिस तरह से अचानक राजनेताओं की बैठकों का सिलसिला देखने को मिला है, उससे फिलहाल वहां राजनीतिक हलचल तेज होती ही दिख रही है.
25 मई की सुबह शरद पवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी के साथ बैठक की. पवार और कोश्यारी के बीच इस बैठक का समय अहम माना जा रहा है क्योंकि यह शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन (महा विकास अघाड़ी) सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना और राज भवन के बीच पिछले दिनों सामने आए गतिरोध की पृष्ठभूमि में हुई है.
हालांकि एनसीपी ने दावा किया कि राज्यपाल के आमंत्रण पर यह बैठक हुई थी और बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं रहा.
हाल ही में राज्यपाल ने राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को लिखे एक लेटर पर कड़ा ऐतराज जताया किया था जिसमें विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं निरस्त करने की सिफारिश की गई थी.
राज्यपाल के साथ बैठक के बाद 25 मई को ही पवार की शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक हुई. शिवसेना नेता संजय राउत ने इस बैठक के बारे में बताते हुए 26 मई को कहा,
राउत ने भले ही यह कहकर सब कुछ ठीक दिखाने की कोशिश की हो, मगर एक तथ्य यह भी है कि बीजेपी महाराष्ट्र सरकार पर जिस तरह से हमलावर हो रही है, उसे लेकर महा विकास आघाड़ी सरकार कहीं न कहीं भारी दवाब का सामना तो कर ही रही है.
बता दें कि बीजेपी सांसद नारायण राणे ने 25 मई को राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात की और कोरोना वायरस महामारी से निपटने में महा विकास आघाड़ी सरकार की ‘नाकामी’ का हवाला देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
आंकड़ों के हिसाब से कोरोना संकट को लेकर महाराष्ट्र की हालत देश में सबसे ज्यादा नाजुक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में अब तक 52667 कोरोना केस सामने आ चुके हैं और वहां इस वायरस की वजह से 1695 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि पूरे देश में 1,45,380 कोरोना केस सामने आए हैं और 4167 लोगों की जान गई है.
महाराष्ट्र की इस नाजुक हालत के बीच ऐसी अटकलें भी सामने आ रही हैं कि शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार जिस तरह से कोरोना संकट से निपट रही है और लॉकडाउन से बाहर निकलने की उसकी जो रणनीति है, उसे लेकर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन में एक राय नहीं है.
मगर शरद पवार ने कहा है कि उद्धव ठाकरे की सरकार पूरी तरह स्थिर है, एनसीपी और कांग्रेस पूरी तरह इस सरकार के साथ हैं.
उन्होंने कहा, ''लेकिन महाराष्ट्र सरकार को कोई खतरा नहीं है. सभी विधायक हमारे साथ हैं.''
ऐसे में इस सरकार से जुड़ी अटकलों और बीजेपी नेता की तरफ से राष्ट्रपति शासन की मांग के आधार में कितना दम है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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Published: 26 May 2020,01:27 PM IST