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दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कॉलेज को ‘राजनीति का अखाड़ा’ नहीं बनाया जाना चाहिए. पत्रकारों ने स्मृति ईरानी से जेएनयू परिसर में हिंसा के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने कहा,
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले की जांच शुरू हो गयी है और ऐसे में उस पर टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं होगा क्योंकि मैं संवैधानिक पद पर हूं. रविवार रात को जेएनयू परिसर में नकाबपोश लोगों ने लाठी-डंडों और छड़ों से छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था, उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा जिसने फ्लैग मार्च किया.
कॉलेज कैंपस में करीब दो घंटे तक अराजकता का माहौल रहा. इस हिंसा में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइसी घोष समेत कम से कम 28 लोग घायल हो गये.
जेएनयू ने एक बयान जारी कर कहा है, ''कैंपस में दो ऐसे ग्रुप्स के बीच झड़प हुई, जिनमें से एक ग्रुप (सेमेस्टर) रजिस्ट्रेशन रोकना चाहता था और दूसरा रजिस्ट्रेशन और अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहता था.''
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यूनिवर्सिटी का कहना है कि छात्रों का एक ग्रुप जो रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का विरोध कर रहा था, आक्रामक रूप से एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक के सामने से चला और शाम 4:30 के करीब हॉस्टलों तक पहुंचा, प्रशासन ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया.
इसके आगे यूनिवर्सिटी ने कहा है, ''हालांकि, जब तक पुलिस आई, रजिस्ट्रेशन का विरोध करने वाला छात्रों का ग्रुप रजिस्ट्रेशन चाहने वाले छात्रों को पीट चुका था.'' बयान में कहा गया है कि कुछ मास्क पहने लोग पेरियार हॉस्टल के कमरों में घुस गए और उन्होंने रॉड से छात्रों पर हमला किया. जेएनयू ने कहा है कि झड़प में कुछ सिक्योरिटी गार्ड भी बुरी तरह घायल हो गए.
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