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अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2021) के मद्देनजर कांग्रेस की तैयारियों को तेज करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 10 सितंबर को यूपी के दो दिन के दौरे के लिए लखनऊ जाएंगी. वो राज्य चुनाव समिति और सलाहकार समिति के साथ बैठकें करेंगी, चल रही तैयारी की समीक्षा करेंगी और अगले साल चुनाव के लिए रणनीति तैयार करेंगी.
पार्टी अगले महीने 2 अक्टूबर से अपना चुनाव अभियान शुरू कर सकती है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि प्रियंका गांधी और दूसरे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में राजधानी लखनऊ में मेगा रैली का आयोजन किया जाएगा.
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ऐसे उम्मीदवारों की किसी भी सूची से इनकार किया, जिन्हें "मंजूरी" दी गई है. वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी, जो राज्य और केंद्रीय नेतृत्व के 35 से ज्यादा सदस्यों की राज्य की स्क्रीनिंग कमेटी का हिस्सा हैं, ने कहा कि कमेटी की बैठक होनी बाकी है और शीर्ष नेतृत्व उम्मीदवारों के चयन पर आखिरी फैसला करेगा.
हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि कम से कम 50 से 60 उम्मीदवारों को मौखिक रूप से चुनाव की तैयारी शुरू करने के लिए कहा गया है. इन उम्मीदवारों में वरिष्ठ नेता, मौजूदा और पूर्व विधायक और, पिछले विधानसभा चुनाव के उपविजेता उम्मीदवार शामिल हैं. पार्टी का ये फैसला उस रणनीति से मेल खाता है, जिसमें कांग्रेस अपनी सभी ताकत उन सीटों पर लगा रही है, जहां उसकी पकड़ मजबूत है.
नाम न छापने की शर्त पर एक सूत्र ने कुछ नामों का खुलासा किया, जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू, उनके डिप्टी और मरिहान से पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी, विधायक आराधना मिश्रा, पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह और वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद, और पूर्व विधायक इमरान मसूद शामिल हैं.
दूसरे संभावित नामों में विधायक नरेश सैनी, मसूद अख्तर, सोहेल अख्तर अंसारी और राकेश सिंह शामिल हैं, जो पिछली बार जीतने वाले सात उम्मीदवारों में शामिल हैं. उन क्षेत्रों पर भी उम्मीदवारों को मंजूरी दी गई है, जहां पार्टी कई उम्मीदवारों की उम्मीद नहीं कर रही है.
समाजवादी पार्टी (SP) के साथ गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि वो राज्य की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और गठबंधन की कोई बातचीत नहीं हुई है. एक इंटरव्यू में, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ज्यादा सीटों की मांग करते हुए बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन से इनकार किया था. हालांकि, वो राज्य में छोटे दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं.
2022 में, एसपी और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) राज्य में दूसरी छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ सकते हैं. हाल ही में अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव की शिवपाल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) के साथ गठबंधन का संकेत देते हुए कदम बढ़ाया था. इस साल जुलाई में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और अखिलेश के बीच हुई मुलाकात ने गठबंधन की चर्चा तेज कर दी है. हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
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Published: 09 Sep 2021,10:04 PM IST