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UP विधानसभा में MSP- मुआवजे को लेकर सरकार-विपक्ष में तीखी बहस,जानें क्या कुछ हुआ?

किसानों की समस्याओं और उपज का समर्थन देने सहित कृषि से जुड़े कई मुद्दों पर विपक्ष ने सवाल किए.

आईएएनएस
पॉलिटिक्स
Published:
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UP विधानसभा

(फोटो- पीटीआई)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा में गुरुवार को MSP को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस हुई. सदन में किसानों की समस्याओं और उपज का समर्थन देने सहित कृषि से जुड़े कई मुद्दों पर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और रालोद के सदस्यों ने सवाल किए.

समाजवादी पार्टी के सदस्य जियाऊर्रहमान, पंकज पटेल, मनोज कुमार पाण्डेय, अभय सिंह और डा. पल्लवी पटेल ने सवाल किया कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्या कर रही है. सपा सदस्यों ने कहा कि सरकार रबी, खरीफ और जायद फसलों की एमएसपी को दोगुना करने के लिए क्या कर रही है.

सपा के मनोज कुमार पाण्डेय ने सवाल किया था कि क्या कृषि मंत्री बताएंगे कि उन्होंने छुट्टा सांड़ द्वारा फसल नुकसान किए जाने पर कोई मुआवजा देने की बात शामिल करेंगे.

सपा सदस्यों के सवालों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने सत्तारूढ़ होने के बाद किसानों की सारी फसलों के दाम बढ़ाए हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने लगातार समर्थन मूल्य बढ़ाया है और पिछली सरकारों से ज्यादा मूल्य बढ़ाया गया है.

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिर्गमन कर दिया. अपने जवाब में कृषि मंत्री ने किसानों के हित के लिए लागू की गयी योजनाओं का भी उल्लेख किया. कहा कि किसानों का हित सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है.

उन्होंने कहा कि जहां किसानों को कृषि में जीएसटी से छूट दिए जाने की बात है तो यह राज्य सरकार का विषय नहीं है. इस मौके पर उन्होंने सभी फसलों की एमएसपी के तुलनात्मक आंकड़े भी पेश किए.

सपा सदस्यों की मांग थी कि कृषि मंत्री स्पष्ट करें कि वे एमएसपी बढ़ायेंगे कि नहीं.

जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्षो में जितनी मूल्यवृद्वि की गयी वह पर्याप्त है. कृषि मंत्री के जवाब से सपा सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उनकी नोकझोंक भी हुई.

बाद में सपा सदस्यों ने सरकार के किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया.

प्रश्न प्रहर में समाजवादी पार्टी की सदस्य डाक्टर रागिनी ने प्रदेश सरकार द्वारा खेल और खिलड़ियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए क्या नीति बनाई है.

जवाब में युवा कल्याण और खेलकूद मंत्री गिरीश यादव ने कहा कि प्रदेश में सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद ही नई खेल नीति बनाई गयी है.

पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि बढ़ाई गई है. इसके अलावा खेल प्रतिभाओं को सरकारी नौकरियों में भी प्राथमिकता दी जा रही है. कई खिलाड़ियों को डीएसपी, नायब तहसीलदार तक की नौकरियां दी गयी है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार ने मेरठ में मेजर ध्यानचन्द्र के नाम से खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है. साथ ही समूह घ की सरकारी नौकरियों में भी खिलाड़ियों के लिए दो प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है.

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विधानसभा में सपा के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश सिंह ने विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव कराए जाने की मांग उठाई. इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मौजूदा अध्यक्ष स्वयं एक साल के कार्यकाल में चार अध्यक्षों के बराबर काम करके अपनी कार्यकुशलता दिखा चुके हैं. ऐसे में फिलहाल निर्वाचन का कोई औचित्य नहीं है.

सदन में उस समय माहौल काफी अजीब हो गया जब समाजवादी पार्टी के एक सदस्य धर्मराज यादव सुरेश ने अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर अर्नगल टिप्पणी कर दी। उनका आरोप था कि सदन में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है.

इस पर अध्यक्ष सतीश महाना ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जिस दिन से वह इस पीठ पर बैठे हैं तब से मैंने पक्ष-विपक्ष दोनों को बराबर मौका दिया है। यह कहते हुए वे अपने आसन से उठ गए और सदन की कार्यवाही बीस मिनट के लिए स्थगित कर दी.

सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन के वरिष्ठ सदस्य अवधेश प्रसाद, मनोज पांडेय ने कहा कि उनके दल के सदस्य द्वारा जो टिप्प्णी की गयी है उसके लिए वे खेद व्यक्त करते हैं.

सपा के इन सदस्यों ने कहा कि आपके इस पद पर आने से पीठ की गरिमा बढ़ी है.

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, जितना सम्मान आपने इस विधायिका का बढ़ाया है, उतना पहले कभी किसी ने नहीं किया. यह स्थिति विधानसभा में तब उत्पन्न हुई जब प्रश्नकाल में सपा के इंजीनियर सचिन यादव द्वारा पूछे गए सवाल पर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी जवाब दे रहे थे.

उन्होंने विभिन्न जिलों में हुए निवेश का क्रमवार आंकड़ा प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि पहली बार हर जिले में इंवेस्टर्स समिट कराई गई है. हर जिले में निवेश आया है। सरकार ने 33.5 लाख करोड़ के 19250 से ज्यादा एमओयू कराए हैं.

इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने शोर मचा रहे सपा सदस्यों को शांत करने के निर्देश दिए लेकिन वे शोर मचाते रहे. इसी बीच धर्मराज सिंह यादव ने अपने स्थान से खड़े होकर मंत्री पर आरोप लगाने शुरू किए.

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