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उत्तर प्रदेश की फूलपुर, गोरखपुर और बिहार की अररिया लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे बुधवार को आएंगे. गोरखपुर सीट से योगी आदित्यनाथ और फूलपुर सीट से केशव प्रसाद मौर्य सांसद थे. बाद में योगी के सीएम और केशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद ये दोनों सीटें खाली हो गई थीं. वहीं अररिया लोकसभा सीट आरजेडी सांसद तस्लीमुद्दीन के देहांत के बाद खाली हो गई. तीनों सीटों पर मुकाबला कांटे का है. यूपी में बीएसपी-एसपी के साथ आने के बाद बीजेपी की राह मुश्किल हुई है.
इन तीनों सीटों पर पिछले 5 लोकसभा चुनाव में किस पार्टी का कैसा प्रदर्शन रहा है, ये जानना जरूरी है.
पिछले 29 साल से गोरखपुर सीट से लगातार गोरक्षपीठ का दबदबा रहा है. साल 1989 में पीठ के महंत अवैद्यनाथ ने हिंदू महासभा के टिकट पर चुनाव लड़ा और 10 फीसदी वोट शेयर के अंतर से जनता दल के उम्मीदवार रामपाल सिंह को मात दी थी. 1991 और 1996 के चुनाव में अवैद्यनाथ ने बीजेपी के टिकट से जीत हासिल की थी. फिर 1998 से लगातार 2 दशक तक यानी अब तक इस सीट पर बीजेपी के टिकट पर योगी आदित्यनाथ काबिज हैं.
फूलपुर सीट पर पिछले 5 लोकसभा चुनाव की बात करें, तो साल 2014 में बीजेपी को जहां 52% वोट मिले, वहीं कांग्रेस, बीएसपी, एसपी के कुल वोटों की संख्या महज 43% ही रह गई. 2014 लोकसभा चुनाव की ‘मोदी लहर’ से पहले बीजेपी एक बार भी ये सीट जीत नहीं सकी. केशव प्रसाद मौर्य ने इसी लहर का फायदा उठाते हुए 5 लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की.
अररिया लोकसभा सीट पर साल 2014 में आरजेडी कैंडिडेट तस्लीमुद्दीन ने बीजेपी कैंडिडेट प्रदीप कुमार सिंह को करीब 1.5 लाख वोटों से हराया था. प्रदीप इस सीट से 2009 में बीजेपी सांसद भी रह चुके हैं. 2009 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी के कैंडिडेट को हराया था. इससे पहली भी यानी 2004 के चुनाव में यहां बीजेपी का कब्जा रहा है.
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Published: 13 Mar 2018,10:38 PM IST