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UP : अब कांग्रेस,BSP के कुछ नेताओं ने थामा समाजवादी पार्टी का दामन

दोनों पार्टियों (कांग्रेस, बीएसपी) के नेता छिटककर एसपी के खेमे में जा रहे हैं

आईएएनएस
पॉलिटिक्स
Published:
UP : अब कांग्रेस,BSP के कुछ नेताओं ने थामा समाजवादी पार्टी का दामन
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UP : अब कांग्रेस,BSP के कुछ नेताओं ने थामा समाजवादी पार्टी का दामन
(फोटो: Twitter)

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उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेताओं को अब समाजवादी पार्टी (एसपी) का साथ ज्यादा रास आने लगा है. दोनों पार्टियों (कांग्रेस, बीएसपी) के नेता छिटककर एसपी के खेमे में जा रहे हैं. पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, जिन्हें सितंबर में यूपी कांग्रेस संपर्क समिति में नामित किया गया था, ने पार्टी छोड़ दी और सोमवार को एसपी में शामिल हो गए.

पूर्व सांसद कैसर जहां भी एसपी में शामिल

पटेल डकैत ददुआ के भाई हैं और पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिए एसपी छोड़ दिया था. उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए घर वापसी जैसा है." एक अन्य कांग्रेसी नेता, जिन्होंने एसपी में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी, वह पूर्व सांसद कैसर जहां हैं. उनके पति जैस्मिन अंसारी भी कांग्रेस छोड़कर एसपी में शामिल हो गए. इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद अनु टंडन भी एसपी में शामिल हो गईं थीं.

बीएसपी के पूर्व सांसद कैलाश यादव ने भी पार्टी छोड़ दी और पूर्व विधायक राम कुमार पटेल के साथ एसपी में शामिल हो गए.

अखिलेश यादव ने क्या कहा

एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के नए नेताओं का स्वागत किया और कहा कि एसपी में शामिल होने का उनका निर्णय इस बात का स्पष्ट संकेत है कि बयार किस ओर बह रही है. ससोमवार को पार्टी में शामिल हुए नेता सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करेंगे और 2022 के यूपी चुनाव के लिए बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेंगे.

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यूपी उपचुनाव के नतीजे से तय होगी सियासत

उत्तर प्रदेश में इन दिनों हुई सियासी उठापटक के बीच आ रहे उपचुनाव के नतीजे भविष्य की सियासत के संकेत देंगे. वर्तमान परिस्थितियों और समीकरणों ने उपचुनाव के नतीजों को अहम बना दिया है.

राज्यसभा चुनाव में एसपी और बीएसपी के बीच जो कुछ हुआ, वह भी सियासी रूख तय करेगा, सत्ता पक्ष को लगता है कि राममंदिर के रूप में उसके पास मजबूत विकल्प पहले से मौजूद हैं, इन नतीजों से जहां कोरोना संकट के दौरान सरकार और बीजेपी संगठन की तरफ से किए गए कामों के दावों का सच सामने आएगा, वहीं विपक्ष की तरफ से सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दों का असर भी दिखेगा,

सात सीटों के परिणाम से ये संकेत भी सामने आएंगे कि प्रदेश के भविष्य की सियासत और सियासी पार्टियों के रिश्तों और उनके संभावित समीकरणों की दिशा व दशा क्या होगी, 2022 के विधानसभा चुनाव में एसपी, बीएसपी और कांग्रेस सियासी बिसात पर भाजपा के खिलाफ अपने मोहरे अलग-अलग ही चलने वाले हैं या कोई किसी से मिलकर खेल खेलेगा,

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