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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahar) में बीजेपी (BJP) के जिला अध्यक्ष अनिल सिसोदिया (Anil Sisodiya) पर बड़े आरोप लगे हैं. यह आरोप बुलंदशहर के जिला मंत्री और इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) बुलंदशहर के जिला अध्यक्ष डॉ संजीव अग्रवाल ने लगाए हैं. उनका आरोप है कि बीजेपी की युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष का पद दिलवाने के एवज में अनिल सिसोदिया ने रिश्वत ली है. अब ना तो पद मिल रहा है और ना ही रिश्वत दी हुई कार.
बुलंदशहर पुलिस ने 4 अप्रैल को एक स्कॉर्पियो कार बरामद की है जो चोरी की है. इस कार में जो ड्राइवर था पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पुछताछ की तो ड्राइवर ने बताया कि ये कार बुलंदशहर जिला अध्यक्ष अनिल सिसोदिया की है. उस कार पर बीजेपी का झंडा और स्टिकर भी लगा हुआ है.
बीजेपी के जिला अध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने बताया कि जिस स्कॉर्पियो कार की चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, वह उनकी अपनी है. उन्होंने पुलिस के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है. उन्होंने कहा, मैंने कोई चोरी की गाड़ी का प्रयोग नहीं किया है. आरोप लगाना वाला व्यक्ति रिकॉर्डिंग वायरल करते हुए गाड़ी देने की बात कर रहा है. इसके बाद फर्जीवाड़ा कर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है."
दरअसल एक वायरल ऑडियो में आईएमए के जिला अध्यक्ष और बीजेपी के जिला मंत्री डॉक्टर संजीव अग्रवाल ने बुलंदशहर बीजेपी जिला अध्यक्ष अनिल सिसोदिया से भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का जिला अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई थी.
आरोप के मुताबिक डॉ संजीव अग्रवाल ने ये कार (जो उनके दोस्त अतुल के नाम है) अक्टूबर 2020 में दी थी लेकिन उनकी मांग पूरी न होने के चलते उन्होंने कार वापस मांगी. जब डॉ अग्रवाल ने दबाव बनाया तो उन्होंने 5 लाख वापस किए लेकिन अब बाकि पैसा वापस देने से उन्होंने इनकार कर दिया है और डॉ अग्रवाल का आरोप है कि अनिल सिसोदिया द्वारा उनसे बदसलूकी की गई है.
इस पूरे मामले की शिकायत डॉ अग्रवाल ने पार्टी आलाकमान को पत्र लिखकर की है और अनिल सिसोदिया के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है.
बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार ने बताया कि, "गाड़ी चोरी का मामला फर्जी है. डॉ संजीव अग्रवाल कोई पद चाहते थे जो उन्हें नहीं मिला, मामला इससे जुड़ा है, मामला लेनदेन का है. डॉ अग्रवाल को अनिल सिसोदिया अब तक पांच लाख दे चुके हैं, डॉ अग्रवाल और पैसा मांग रहे हैं, जो गाड़ी डॉ अग्रवाल ने अनिल सिसोदिया को पहले दी थी वो वापस न मिलने पर उन्होंने हाल ही चोरी की रिपोर्ट कर दी इसलिए पुलिस ने गाड़ी बरामद की है, लेकिन मामला चोरी का न होते हुए लेनदेन का है."
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