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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेठी से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. ये ऐलान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कांग्रेस के नए अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) ने किया है. वहीं प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के 2024 के चुनाव लड़ने की अटकलों पर अजय राय ने कहा कि प्रियंका गांधी जहां से चाहेंगी, वहां से चुनाव लड़ेंगी, अगर वह पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहती हैं तो हर कार्यकर्ता उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर अजय राय ने कहा, "उनसे पूछें कि क्या वह अपने वादे के मुताबिक 13 रुपये प्रति किलो पर चीनी उपलब्ध करा सकती हैं. उन्हें जनता को जवाब देना चाहिए कि वह चीनी कहां गई."
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार काशी पहुंचे कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मीडिया से बातचीत में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, "2024 लोकसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने वाला चुनाव होगा." गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी से बढ़ी लाचारी को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री को घेरा.
उन्होंने कहा कि, 'भारतीय जनता पार्टी की करतूत कांग्रेस की जीत का मार्ग प्रशस्त कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का संदेश जन - जन तक पहुंचाएंगे.'
गौरतलब है कि स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कभी कांग्रेस का गढ़ रहे अमेठी में राहुल गांधी को लगभग 55,000 वोटों के अंतर से हराया था.
2019 में राहुल गांधी ने अमेठी और वायनाड दोनों जगहों से चुनाव लड़ा था. जबकि अमेठी उनकी विरासत की सीट थी, वायनाड दक्षिण से यह उनका पहला चुनाव था. अमेठी में राहुल गांधी को हराने के बाद स्मृति ईरानी एक दिग्गज नेता के रूप में उभरीं. राहुल गांधी वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए थे.
अजय राय ने यह भी संकेत दिया कि अगर प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला करती हैं, तो कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा.
यूपी कांग्रेस के एक नेता ने द क्विंट को बताया, "अमेठी से उनके पारिवारिक संबंध हैं और उन्होंने तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. हार (2019 में) इस सीट से उनके गहरे संबंध को खत्म नहीं कर सकती."
इसका एक और पहलू भी है. भारत जोड़ो यात्रा के बाद बीजेपी विरोधी मतदाताओं, खासकर अल्पसंख्यकों के बीच राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ी है. कांग्रेस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उत्तर प्रदेश में यह वोट बर्बाद न हो और राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव लड़ना यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है.
अगर लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच चुनाव से पहले गठबंधन होता है, तो सबसे पुरानी पार्टी के लिए सीटों का आवंटन काफी हद तक चुनिंदा सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों को आगे बढ़ाने की उसकी क्षमता पर निर्भर करेगा.
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