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यूपी की एक अदालत ने राज्य के मंत्री रविदास मेहरोत्रा को एक पुराने आपराधिक मामले में बीते कई सालों से अदालत में उपस्थित न होने की वजह से भगोड़ा घोषित कर दिया है.
अदालत ने उनके खिलाफ एक बार फिर गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. आपको बता दें रविदास मेहरोत्रा अखिलेश यादव सरकार में मातृ और शिशु कल्याण मंत्री हैं.
न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की है.
मामला लखनऊ के महानगर थाने से संबधित है. 9 अगस्त, 2002 को रविदास मेहरोत्रा व अन्य ने अकबर नगर इलाके में अवैध निर्माण हटाने के लिए जारी विभागीय नोटिस के विरोध में सड़क जाम किया था, जिससे आम जनता को परेशानी हुई थी. साथ ही कानून-व्यवस्था प्रभावित हुई थी.
मामले में एक पूर्व विधायक भी आरोपी थे, जिनका देहांत हो चुका है. दो अगस्त, 2014 को जुर्म स्वीकार करने पर अदालत ने उन्हें 200-200 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी. 24 जनवरी, 2016 को पांच अन्य आरोपियों ने भी अपना जुर्म स्वीकार कर लिया.
अदालत ने उन पर 100-100 रुपये का अर्थदंड लगाया. इस मामले की प्राथमिकी थाना प्रभारी महानगर ओमवीर सिंह ने दर्ज कराई थी.
-इनपुट आईएएनएस से
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