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यूपी चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की लहर 2.0 दिख रही है. नतीजों और रुझानों में बीजेपी 308 सीटों के साथ लीड कर रही है. अब केवल यह तय होना बाकी रह गया है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा?
द क्विंट आपके लिए लाया है पांच प्रबल दावेदारों के नाम, जो सीएम की कुर्सी संभाल सकते हैं.
वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 2002 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के आखिरी मुख्यमंत्री रहे थे. गाजियाबाद से सांसद राजनाथ ने राज्य में बड़े पैमाने पर चुनावी अभियान चलाया. उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सिंह ने द क्विंट से बात कर कहा था कि अगर यूपी में बीजेपी जीतती है, तो वो प्रदेश में वापसी कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, "मैं फैसला पार्टी के ऊपर छोड़ दूंगा."
राजनाथ 2005 और 2013 में दो बार बीजेपी के अध्यक्ष पद पर रहे चुके हैं. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता के बैकसीट पर जाने के बाद उन्होंने बीजेपी को फिर से मुखर करने की अगुवाई की थी.
बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ भी इस रेस में आगे दिख रहे हैं. 26 की उम्र में वो 12वीं लोकसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य रहे थे.
वह गोरखपुर लोकसभा सीट से 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में जीतने वाले सांसद रह चुके हैं.
राज्य पार्टी इकाई प्रमुख और फूलपुर से सांसद केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावेदार हैं. उन्होंने 2002, 2007 और 2012 विधानसभा चुनाव लड़ा था. 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने से पहले वो सिराथू से विधायक थे.
गाजीपुर से पार्टी के सांसद मनोज सिन्हा के नाम पर भी मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जा सकता है. आईटी-बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (अब आईआईटी-बीएचयू) के पूर्व छात्र सिन्हा, वर्तमान में दूरसंचार और रेल राज्यमंत्री हैं. 1989 से 1996 तक वह नेशनल काउंसिल के मेंबर थे. सिन्हा 1996 और 1999 में लगातार और फिर 2014 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए.
बीजेपी के महासचिव और लंबे समय से प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा मथुरा से अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं. शर्मा को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी सहयोगी के रूप में जाना जाता है. शर्मा मथुरा के गोवर्धन तहसील के गंथोली गांव से हैं.
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