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State Assembly Bypolls: इसी साल 3 नवंबर को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए राजनैतिक पार्टियों ने कमर कसना शुरू कर दिया है. बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी कर दी है. बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार उतारे हैं तो समाजवादी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश की एक सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. ऐसे में समझते हैं कि आखिर किन उम्मीदवारों को और क्यों टिकट दिया गया?
हरियाणा की आदमपुर सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है. 3 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके भजनलाल और उनके परिवार का इस सीट पर दबदबा रहा है. पिछले 54 साल से इस सीट पर भजनलाल के परिवार का ही कोई व्यक्ति विधायक रहा है. पिछली बार इस सीट पर भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई जीते थे, लेकिन इस साल राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था. कुलदीप बिश्नोई को इस्तीफा देना पड़ा, जिससे आदमपुर सीट खाली हो गई.
तेलंगाना की मुनुगोड़े विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आए कोमतिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी को मैदान में उतारा है. उनका इस सीट पर खासा दबदबा रहा है. इससे पहले भी वे इसी सीट से विधायक थे, लेकिन पार्टी कांग्रेस थी. 2009 से 2014 तक ये लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. इसी साल केंद्र सरकार ने कथित तौर पर रेड्डी की कंपनी को 18,000 करोड़ का ठेका दिया था जिसके बाद अगस्त में रेड्डी खुद बीजेपी में शामिल हो गए. ऐसे में मुनुगोड़े सीट से उसी व्यक्ति को टिकट देना जो इससे पहले वहीं से विधायक हो, बीजेपी को ये सीट दिला सकता है.
उत्तर प्रदेश की गोला गोकरननाथ विधानसभा सीट पर उपचुवान में इस बार एसपी और बीजेपी में टक्कर देखने को मिल सकती है. इसी गोला सीट से बीजेपी के अरविंद गिरि इस साल हुए विधानसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार जीतकर विधायक बने थे. 6 सितंबर को हार्ट अटैक से उनके निधन के बाद ये सीट खाली हो गई थी. अरविंद गिरी इस सीट से 5 बार विधायक रहे. बीजेपी ने अब उन्हीं के बेटे अमन गिरी को टिकट दिया है.
समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर विनय तिवारी को मैदान में उतारा है. अरविंद गिरी और विनय तिवारी के बीच इस साल के विधानसभा चुनाव में भी टक्कर हुई थी जिसमें विनय हार गए थे. 2012 में इस सीट से विनय तिवारी जीते थे, लेकिन इसके बाद दोनों बार चुनावों में अरविंद का कब्जा रहा. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या विनय अपने प्रतिद्वंदी के बेटे से चुनाव जीत पाएंगे.
3 नवंबर को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है, जिसके नतीजे 6 नवंबर को आएंगे. उपचुनावों को कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ट्रेलर के रूप में देखा जा रहा है.
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Published: 08 Oct 2022,02:00 PM IST