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उत्तराखंड में कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की किस्मत पर दुविधा बरकरार है. शनिवार को विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने 9 मई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायमूर्ति यू सी ध्यानी ने दोनों पक्षों के बीच करीब तीन घंटे की दलीलों के खत्म होने के बाद कहा, ‘’सुनवाई सम्पन्न हो गयी है. मैं नौ मई को सुबह सवा दस बजे निर्णय सुनाउंगा.’’
इन बागी विधायकों की किस्मत का होना है फैसला
अमृता रावत, हरक सिंह रावत, प्रदीप बतरा, प्रणव सिंह, शैला रानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, सुबोध उनियाल, उमेश शर्मा, विजय बहुगुणा.
10 मई को होना है शक्ति परिक्षण
10 मई को बर्खास्त मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा में विश्वासमत हासिल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस पर केंद्र सरकार को निर्देश दिया है, लेकिन इस शक्ति परिक्षण में वो सभी 9 विधायक हिस्सा नहीं ले सकेंगे जिनको विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अयोग्य करार दिया है.
9 विधायकों के अयोग्य घोषित होने से 71 विधायकों की क्षमता वाली विधानसभा की सदस्यों की संख्या 62 रह गयी है जिसमें बहुमत साबित करने के लिये 31 विधायकों का समर्थन जरुरी होगा. निलंबित उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष कुंजवाल ने बताया कि 62 सदस्यों वाले सदन में अध्यक्ष को छोड़कर अन्य सभी 61 विधायक मतदान में हिस्सा लेंगे. उन्होने बताया कि मतदान में एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत किये गये विधायक आरवी गार्डनर भी भाग लेंगे.
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