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उत्तराखंड में 4 साल बाद आखिरकार बीजेपी के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्तीफा आया है. कहा जा रहा था कि रावत अपना कार्यकाल पूरा कर ऐसा करने वाले बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बन सकते हैं, लेकिन ये हुआ नहीं. विरोधी गुट के विधायकों के दबाव के बाद पार्टी आलाकमान को आखिरकार दो दशकों तक संघ प्रचारक रहे त्रिवेंद्र रावत को हटाना पड़ा. लेकिन इस्तीफे के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि अगला मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा? इसके लिए बुधवार 10 मार्च को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. जिसमें नेता चुना जाएगा.
उत्तराखंड में पिछली बार जब बीजेपी सत्ता में आई तो कई नाम चर्चा में थे, लेकिन बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए आरएसएस के पुराने प्रचारक त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम बनाया था. ऐसा ही कुछ आगे भी देखने को मिल सकता है. तमाम समीकरणों को देखते हुए कुछ नामों पर चर्चा हो रही है. जिसमें सबसे आगे उत्तराखंड के राज्य शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का नाम सामने आ रहा है. उनके अलावा उत्तराखंड के पूर्व सीएम और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी रेस में बताए जा रहे हैं.
इन नामों के अलावा राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का नाम भी लगातार सामने आ रहा है. जिन्होंने इस्तीफे से ठीक पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की थी. बलूनी के अलावा नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट को भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है.
अब सबसे पहला और चौंकाने वाला नाम धन सिंह रावत का सामने आया है. चौंकाने वाला इसलिए क्योंकि धन सिंह रावत सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर काम कर रहे थे, ऐसे में राज्य मंत्री से अगर सीधे उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो ये काफा बड़ा मूव होगा. उनकी दावेदारी इसलिए भी मजबूत मानी जा रही है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की ही तरह वो भी संघ से जुड़े हैं. साथ ही संगठन का काफी ज्यादा अनुभव भी है. जमीनी तौर पर उनकी संगठन में काफी ज्यादा पकड़ मानी जाती है. धन सिंह रावत श्रीनगर गढ़वाल से बीजेपी के विधायक हैं.
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का नाम भी तेजी से चल रहा है. उन्हें एक न्यूट्रल नेता माना जाता है, यानी दोनों गुटों में उनके सीएम बनाए जाने के बाद विवाद होने की आशंका काफी कम है. बलूनी की बीजेपी नेतृत्व में काफी मजबूत पकड़ है. साथ ही वो बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी भी हैं. पीएम मोदी और अमि शाह से नजदीकी होने के अलावा बलूनी उत्तराखंड से भी जमीनी तौर पर जुड़े हैं. शांत स्वभाव के बलूनी राजनीतिक विवाद में फंसे बिना काम करने के लिए जाने जाते हैं.
नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट का नाम भी इसलिए सामने आ रहा है क्योंकि वो लगातार उत्तराखंड के मुद्दों को लेकर मुखर रहते हैं. उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अजय भट्ट को उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए होने वाले आंदोलन में भी अहम भूमिका दी गई थी. जमीनी संगठन से जुड़े हुए हैं और राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी में अच्छी पकड़ रखते हैं, इसीलिए उनकी दावेदारी भी सीएम पद पर मजबूत है.
अब कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए कद्दावर नेता सतपाल महाराज की बात करें तो उनका नाम हमेशा से ही सीएम उम्मीदवार के तौर पर सामने आता रहा है. पिछले विधानसभा चुनावों में जीत के बाद भी सतपाल महाराज का नाम उछाला गया था. बताया जाता है कि उनके तेज तर्रार समर्थक हर बार ये माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. सतपाल महाराज उत्तराखंड के सबसे बड़े जिले पौड़ी गढ़वाल से आते हैं और यहां से सांसद भी रह चुके हैं. उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है और राज्य के आंदोलन में भी शामिल रहे हैं. इसीलिए इस बार भी महाराज समर्थक अपना दावा ठोक रहे हैं.
इन तमाम नामों पर चर्चा जरूर है, लेकिन बताया जा रहा है कि बीजेपी जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर अगले सीएम का चुनाव करने जा रही है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी ठाकुर सीएम की जगह किसी ठाकुर को ही मौका दे सकती है. इसीलिए धन सिंह रावत और सतपाल महाराज की दावेदारी मजबूत होती है.
इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि इस बार एक डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है. जिसके लिए खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम आगे रखा गया है.
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Published: 09 Mar 2021,05:24 PM IST