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दलित कार्यकर्ता की मौत के खिलाफ प्रदर्शन में दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी को हिरासत में लिये जाने के बाद गुजरात में गांधीनगर, अहमदाबाद और मेहसाणा समेत कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने अहमदाबाद के वडाज में एक कार में आग लगा दी और पाटन, गांधीनगर और ऊंझा में रास्ता रोक दिया.
रविवार की सुबह वनकर की मौत पर जिग्नेश मेवाणी अपने समर्थकों के साथ अहमदाबाद में सरसपुर इलाके में प्रदर्शन के लिए निकल आए लेकिन पुलिस ने 70 लोगों के साथ उन्हें हिरासत में ले लिया. मेवाणी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बदतमीजी की और उन्हें कार से घसीट कर नीचे उतार दिया. जबकि पुलिस का आरोप था कि मेवाणी ने उसके साथ बदतमीजी की.
मेवाणी ने पाटन में डीएम ऑफिस के सामने आत्मदाह करने वाले भानु वानकर की मौत के मामले लोगों से सारंगपुर में बाबा अंबेडकर की प्रतिमा के पास इकट्ठा होने की अपील की थी. हालांकि पुलिस ने मेवाणी का कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया. वहीं जिग्नेश मेवानी और उनके साथियों ने पुलिस के इस कदम को गलत बताया है.
62 साल के दलित कार्यकर्ता भानु वानकर ने 15 फरवरी को एक दलित परिवार के लिए जमीन आवंटित करने की मांग को लेकर पाटन के कलक्टर के दफ्तर के बाहर आत्मदाह कर लिया था. अगले दिन वानकर की अहमदाबाद के प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
देखें - वीडियो | बूचड़खानों पर बैन के बाद दलित क्यों कर रहे हैं पलायन?
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