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यूपी में चुनावी पारा गर्म है. क्विंट हिंदी के संपादकीय निदेशक संजय पुगलिया ने बनारस के गंगा घाट पर नाव की सवारी करते हुए लोगों से बातचीत की. क्विंट ने बातचीत के दौरान ये समझने की कोशिश की है कि चुनाव के दौरान जब नेता बड़ी-बड़ी बातें और वादें करते हैं तो बनारस के लोगों का दिल क्या कहता है?
वाराणसी के लोगों का कहना है कि आजतक कोई भी चुनाव विकास के मुद्दे पर नहीं हुआ है, लेकिन विकास नहीं हुआ है ये मुद्दा जरूर रहा है. 2014 लोकसभा चुनावों में भी विकास मुद्दा नहीं था. चुनाव होता है तो कुछ नारों या भावना के मुद्दों पर. लोगों का ये भी कहना है कि नेताओं के किए वादों से उनका विश्वास उठ चुका है.
वाराणसी, पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है. गंगा नदी के जल को साफ करने के लिए सरकार की तरफ से नमामी गंगे जैसी कई योजनाएं चलाई गईं, लेकिन वहां के लोग उनकी इन योजनाओं से खुश नहीं हैं.
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