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हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस का उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य नियुक्त किया गया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही यशवंत सिन्हा टीएमसी में शामिल हुए थे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे यशवंत सिन्हा ने 2018 में बीजेपी का साथ छोड़ दिया था और लगातार मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. यशवंत सिन्हा ने पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी से लेकर जीएसटी के फैसले से नारजगी के बाद बीजेपी से अपना सारा रिश्ता खत्म का ऐलान किया था.
टीएमसी में शामिल होने पर उन्होंने कहा था- , "आपको आश्चर्य होना चाहिए कि मैं पार्टी में क्यों शामिल हो रहा हूं और एक्टिव हो रहा हूं, खासकर इस उम्र में जब मैंने कुछ साल पहले खुद को मुख्यधारा की राजनीति से दूर कर लिया था. मैं कहना चाहूंगा कि देश एक असाधारण स्थिति से गुजर रहा है ..यह अभूतपूर्व है ..लोकतंत्र की ताकत लोकतंत्र के संस्थानों की ताकत में निहित है"
यशवंत सिन्हा 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से सांसद रह चुके हैं. वो तीन बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वो वित्त मंत्री भी रहे. यह सरकार 13 महीने तक ही चली थी. 1999 में फिर से वाजपेयी की वापसी हुई और यशवंत सिन्हा को वित्त मंत्रालय मिला. यही नहीं इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 1990 से 1991 तक चली सरकार में भी वह वित्त मंत्री थे.
लेकिन मोदी-शाह के दौर में उनका कद घटता गया, सिन्हा के मुताबिक पार्टी में बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है.
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