मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बंगाल चुनाव: ममता का ‘महिला शक्ति’ से BJP को घेरने का सॉलिड प्लान

बंगाल चुनाव: ममता का ‘महिला शक्ति’ से BJP को घेरने का सॉलिड प्लान

महिलाओं के मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने की तैयारी में ममता बनर्जी

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
महिलाओं के मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने की तैयारी में ममता बनर्जी
i
महिलाओं के मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरने की तैयारी में ममता बनर्जी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

पश्चिम बंगाल का रण सज चुका है, सत्ताधारी टीएमसी और बीजेपी के बीच वोटों की जंग से पहले जुबानी जंग जारी है. बीजेपी जहां लव जिहाद, गुंडागर्दी, घुसपैठ और भाई-भतीजावाद के मुद्दों को उछाल रही है, वहीं टीएमसी ने महिला शक्ति और महंगाई को टारगेट किया है. खुद सीएम ममता बनर्जी महिलाओं का नेतृत्व कर मार्च निकाल रही हैं, साथ ही बीजेपी को भी महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर घेरा जा रहा है.

महिलाओं के जरिए ममता का बीजेपी को जवाब

पश्चिम बंगाल में अपने पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर चुकी बीजेपी के सामने ममता बनर्जी खड़ी हैं. इस बार टीएमसी और बीजेपी में कांटे की टक्कर बताई जा रही है. ऐसे में ममता बनर्जी चुनाव से कई हफ्ते पहले ही महिलाओं को अपने पक्ष में जुटाने की कोशिश शुरू कर चुकी थी. ममता के हर चुनावी भाषण में महिलाओं का जिक्र होता है और अब उन्होंने इसे लेकर बीजेपी पर भी हमला बोलना शुरू कर दिया है.

रैलियों में महिला शक्ति का प्रदर्शन

अब महिला दिवस को देखते हुए ममता बनर्जी ने ठीक एक दिन पहले यानी रविवार 7 मार्च को सिलीगुड़ी में एक बड़ा मार्च निकाला. पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों और एलपीजी के दामों को लेकर निकाले गए इस मार्च में सैकड़ों की तादात में महिलाएं मौजूद रहीं. जिस वक्त ममता का ये मार्च चल रहा था, ठीक उसी वक्त कोलकाता में पीएम मोदी उन पर हमला बोल रहे थे.

रविवार के बाद सोमवार को भी महिला दिवस के मौके पर सीएम ममता ने महिलाओं की एक बड़ी रैली निकाली. कोलकाता में मोदी सरकार के खिलाफ निकाली गई इस रैली में भी भारी संख्या में नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिला. दोनों दिनों के प्रदर्शन में गैस सिलिंडर की बढ़ी कीमतों को जोर-शोर से उठाया गया, जो हर महिला की रसोई का एक अहम हिस्सा है. ममता ने इसे लेकर पीएम मोदी की उज्ज्वला योजना पर तंज भी कसा और कहा कि,

“अब कहां गई वो उज्ज्वला की रौशनी? कैग रिपोर्ट में कहा गया कि उज्ज्वला में घोटाला हुआ. भारत सिर्फ एक सिंडिकेट को जानता है, वो है- नरेंद्र मोदी और अमित शाह सिंडिकेट”

‘नहीं चाहिए महिला सुरक्षा का गुजरात मॉडल’

यानी ममता ने महिलाओं की शक्ति से बीजेपी की बड़ी रैलियों को जवाब देने की कोशिश की. लेकिन इतना ही नहीं है, ममता महिलाओं के ही मुद्दे पर अब बीजेपी को घेरने में जुटी है. इसके लिए उन्होंन बीजेपी शासित प्रदेशों का हवाला देना शुरू किया है. ममता ने सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, “बीजेपी नेता पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा की बात करते हैं, लेकिन हमें महिला सुरक्षा का गुजरात मॉडल नहीं चाहिए, मोदी के गुंडे नहीं चाहिए.”

बंगाल में महिलाओं सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी के आरोपों पर ममता बनर्जी ने जवाब देते हुए कहा कि,

“पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित हैं, लेकिन यूपी और बिहार जैसे बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं की स्थिति खराब है. ममता ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ ज्यादा अपराध होते हैं.”

बंगाल की बेटी का नारा

सबसे पहले ममता बनर्जी ने खुद को बंगाल की बेटी के तौर पर लोगों के सामने पेश किया. उन्होंने अपनी कई जनसभाओं में कहा कि वो बंगाल की बेटी हैं और जनता उनके साथ खड़ी है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ममता के कई बड़े पोस्टरों पर बंगाल की बेटी लिखा हुआ है. साथ ही टीएमसी ने नारा दिया है कि- ‘बांग्ला निजेर मेये के चाए’ यानी 'बंगाल अपनी बेटी को चाहता है'.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
तो कुल मिलाकर ममता बनर्जी अब बंगाल की बेटी वाली बहस में बीजेपी को फंसाना चाहती है. इसमें कुछ हद तक वो कामयाब भी रही हैं. क्योंकि बीजेपी के तमाम नेता अब इसमें वाकई में उलझ पड़े हैं, वो ममता बनर्जी को अभिषेक बनर्जी के चलते बेटी नहीं बुआ बुला रहे हैं. यहां तक कि ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके इस बयान पर जवाब दिया और कहा कि ममता दीदी आप बंगाल की ही नहीं पूरे देश की बेटी हैं.

लेकिन इससे कहीं न कहीं फायदा ममता को होता दिख रहा है, क्योंकि ममता ने बतौर महिला खुद को जनता के सामने पेश किया है और जब-जब बीजेपी इस मुद्दे पर उन्हें घेरने की कोशिश करती है, ममता का ही प्रचार ज्यादा होता है.

ममता बनर्जी ने कुल 50 महिलाओं को टिकट देकर सबसे पहले ये बताया है कि टीएमसी महिलाओं के प्रति कितनी सजग है, साथ ही ममता ने कुछ महीने पहले जय श्री राम के नारे की जगह जय सिया राम का नारा बोलकर बीजेपी को चिड़ाने का काम किया. इसमें भी सीता का नाम जोड़कर उन्होंने महिलाओं को साधने की कोशिश की.

ममता की महिलाओं के लिए योजनाएं

  • कन्याश्री योजना - 13 से लेकर 18 साल की स्कूल जाने वाली लड़कियों को 1 हजार रुपये छात्रवृत्ति
  • रूपाश्री योजना - 18 साल से ज्यादा उम्र की गरीब लड़कियों को शादी के लिए 25 हजार रुपये
  • सबुज साथी - जरूरतमंद गरीब लड़कियों को मुफ्त में साइकिल देने की व्यवस्था
  • मातृत्व शिशु देखभाल योजना - सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं को 2 साल तक की छुट्टी का प्रावधान

तो कुल मिलाकर दीदी के नाम से मशहूर ममता बनर्जी इस बार बंगाल की बेटी बनकर अपने विरोधियों को सबक सिखाने के मूड में हैं. भले ही बीजेपी ने 9 महिला उम्मीदवारों को अपनी पहली लिस्ट में जगह देकर ममता के वुमन कार्ड का तोड़ निकालने की कोशिश की है, लेकिन इतना काफी नहीं नजर आता है. ममता खुद एक महिला हैं और सीएम के तौर पर पश्चिम बंगाल के लोगों से जुड़ी हैं, वहीं बीजेपी के पास अब तक कोई सीएम उम्मीदवार नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही ये विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी हो रही है. ऐसे में ममता का बंगाल की बेटी वाला दांव बीजेपी पर कहीं न कहीं भारी पड़ सकता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT