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सुवेंदु अधिकारी के बाद ममता सरकार के एक और मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. राज्य के वनमंत्री राजीब बनर्जी ने शुकव्रार को इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल धनखड़ ने उसे मंजूर भी कर लिया है. इस्तीफे का ऐलान करते हुए राजीब बनर्जी भावुक हो गए. कई बार उन्हें आंसू पोंछता हुए भी देखा गया. राजीब का कहना है कि उन्हें बिना बताए उनका पोर्टफोलियो बदल दिया गया. वन मंत्री के पद से त्याग पत्र देने के बाद लिखा, "मुझे यह सूचित करते हुए बेहद खेद है कि मैंने वन विभाग में एक कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने कार्यायल से इस्तीफा दे दिया है."
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि एक दिन उन्हें न्यूज देखकर पता चला कि उनका पोर्टफोलियो सिंचाई मंत्री से बदलकर वनमंत्री कर दिया गया है. वो कहते हैं कि उन्हें पोर्टफोलियो बदलने से कोई दिक्कत नहीं है, दिक्कत उसके तरीके से है.
हाल ही में राजीब बनर्जी ने ये शिकायत कि थी कि टीएमसी के कुछ नेता उनके खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं. राजीब पिछले कुछ महीने से 'बागी रुख' भी अख्तियार किए हुए थे और पार्टी के बड़े नेता उनसे बातचीत कर मुद्दा समझने की कोशिश कर रहे थे और अब उनका इस्तीफा सामने आया है.
बनर्जी ने आगे कहा, "पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना मेरे लिए एक सम्मान की बात रही है. इस अवसर के लिए मैं दिल से अपना आभार व्यक्त करता हूं." बनर्जी हावड़ा के डोमजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे और साथ ही हावड़ा जिले में तृणमूल कांग्रेस के समन्वयक भी रहे थे. वन विभाग का कार्यभार संभालने से पहले वह राज्य के सिंचाई मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
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