advertisement
पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान बीजेपी बनाम टीएमसी की लड़ाई जारी थी. लेकिन अब नतीजे आने के बाद टीएमसी बनाम राज्यपाल की जंग शुरू हो चुकी है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ चुनाव नतीजों के बाद से ही टीएमसी और ममता बनर्जी के खिलाफ जमकर हमलावर हैं. लेकिन इसी बीच अब टीएमसी नेताओं ने राज्यपाल को राजभवन में हुई कुछ नियुक्तियों को लेकर घेरना शुरू कर दिया है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाए कि राज्यपाल धनखड़ ने अपने रिश्तेदारों को राजभवन में नियुक्त किया है. जिसके बाद अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इन आरोपों का जवाब दिया है.
दरअसल पश्चिम बंगाल राभवन में कुछ ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) की नियुक्ति हुई है. इन नियुक्तियों के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि ये सभी राज्यपाल के परिवार वाले और रिश्तेदार हैं, जिन्हें गैर कानूनी तरीके से नियुक्त कर दिया गया है.
अब इन्हीं आरोपों को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि, टीएमसी नेता ध्यान भटकाने के लिए ये सब कुछ कर रहे हैं. धनखड़ ने एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए ये बात कही. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
हालांकि टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा इस मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर हैं. उन्होंने एक बार फिर कहा कि, "राज्यपाल का ओएसडी कोई साधारण पद नहीं है. राजभवन की वेबसाइट पर शेखावत, दीक्षित और धनखड़ जैसे जो नाम दिख रहे हैं वो कौन हैं? राज्यपाल ने झूठ कहा कि उनका इनके साथ कोई संबंध नहीं है. उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि ये 6 लोग राज भवन में कैसे घुसे?"
इतना ही नहीं महुआ मोइत्रा ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के सफाई वाले ट्वीट पर भी जवाब दिया. जिसमें उन्होंने जगदीप धनखड़ को अंकल जी कहकर बुलाया. मोइत्रा ने ट्विटर पर लिखा,
इससे पहले महुआ मोइत्रा ने कहा था कि, शेखावत धनखड़ के बहनोई के बेटे, रुचि दुबे उनके पूर्व एडीसी मेजर गोरांग दीक्षित की पत्नी और प्रसंत दीक्षित भाई हैं. वलिकर, धनखड़ के मौजूदा एडीसी जनार्दन राव के बहनोई हैं, जबकि किशन धनखड़ राज्यपाल के एक और करीबी रिश्तेदार हैं. इन सभी को राजभवन में बतौर ओएसडी नियुक्त किया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined