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मध्य प्रदेश की राजनीति में 3 मार्च आधी रात को कमलनाथ की सरकार अचानक संकट में आ गई जब कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले करीब 10 विधायक गुरुग्राम के होटल में पहुंच गए. कांग्रेस पहले से ही आरोप लगा रही है कि बीजेपी कांग्रेस की सरकार गिराना चाहती है और विधायकों की खरीद फरोख्त में लगी है. लेकिन बीजेपी ने इन आरोपों से इनकार किया है. जो भी हो लेकिन कमलनाथ सरकार को गिराने का प्लान फिलहाल तो नाकाम होता दिख रहा है. वो कैसे हम आपको पूरा गणित समझाते हैं..
सत्ता मध्य प्रदेश की और आधी रात को ड्रामा चल रहा था गुरुग्राम में. खबर आई कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में रोककर रखा गया है. इनमें से एक BSP विधायक रामबाई भी थीं. मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी रात में आनन-फानन में ही गुरुग्राम के ITC होटल पहुंचे और बीएसपी विधायक को बाहर लेकर आए. जीतू पटवारी ने पीटीआई से कहा कि-
कांग्रेस ने इसके अलावा कांग्रेस विधायकों को रिश्वत ऑफर करने के भी आरोप लगाए और इसका पुख्ता सबूत होने का भी दावा किया. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने 5-5 करोड़ की तीन किस्तों में रिश्वत देने की बात भी कही है.
मध्यप्रदेश में कुल विधायकों की कुल संख्या 230 है. फिलहाल दो विधानसभा सीटें खाली हैं. मतलब अभी कुल सीटें हैं 228. यानी राज्य में किसी सरकार को बहुमत के लिए चाहिए 115 सीटें. कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. अब बचे हुए सात विधायकों में से 4 निर्दलीय विधायक हैं. दो विधायक बीएसपी के हैं और एक विधायक SP का है. कांग्रेस 121 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है.
बीजेपी ये कर पाएगी या नहीं ये तो अलग बात है लेकिन अगर बीजेपी ने कैसे भी करके ये कर लिया और सरकार गिरा भी दी तो उसके बाद बीजेपी के लिए सरकार बनाना एक बड़ी चुनौती होगी. जिन कांग्रेस विधायकों को बीजेपी तोड़ेगी, दल बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता तो रद्द हो जाएगी. या फिर बीजेपी बड़ी तादाद में कांग्रेस विधायक तोड़े तो बहुमत का टोटल घटाकर वो सरकार बना सकती है, जिसकी संभावना काफी कम लगती है. क्यों कि बीजेपी अभी खुद ही एकजुट नहीं लग रही.
जब से कमलनाथ सरकार बनी है. सरकार गिरने के कयास लगते रहते हैं. लेकिन इस बार एक अहम कारण और भी है. मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में 3 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव भी होने वाले हैं. चुनाव में 1 सीट कांग्रेस और एक सीट बीजेपी का जीतना तय माना जा रहा है लेकिन तीसरी सीट को लेकर ही सारी लड़ाई है. बीजेपी की चाहत होगी कि कांग्रेस का समर्थन करने वाले विधायक राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करें. इससे बीजेपी मध्य प्रदेश से 2 राज्यसभा सीटें जीत जाएगी. कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह तक सब बीजेपी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगा रहे हैं. उधर शिवराज सिंह चौहान आरोपों से पलड़ा भी झाड़ रहे हैं.
लेकिन मध्य प्रदेश में जब इतना सब कुछ घट रहा है तब ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सब पर एक दम चुप हैं और ऐसा लगता है कि सिंधिया की चुप्पी कई राज दबाए हुए है. ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर बीजेपी के ट्रंप कार्ड बनते हैं तो कमलनाथ सरकार औंधे मुंह गिर सकती है. खबर ये भी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तीन मंत्रियों ने बैठक की है.
इसलिए बीजेपी अगर सिंधिया को मनाने में कामयाब होती है तो मध्य प्रदेश राज्य फिर से बीजेपी का हो सकता है...लेकिन फिलहाल तो ऑपरेशन कमल फेल होता नजर आ रहा है.
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Published: 04 Mar 2020,06:55 PM IST