मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जिस SC की वजह से दिया इस्तीफा, उसी ने कभी बचाया था नवाज का PM पद

जिस SC की वजह से दिया इस्तीफा, उसी ने कभी बचाया था नवाज का PM पद

नवाज शरीफ के साथ राष्ट्रपति के खिलाफ खड़ा था सुप्रीम कोर्ट

सुदीप्त शर्मा
पॉलिटिक्स
Updated:


नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र की बैठक मे. शरीक हुए (फोटो: एपी)
i
नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र की बैठक मे. शरीक हुए (फोटो: एपी)
null

advertisement

आज पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में पाक पीएम नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के केस में दोषी करार दे दिया. इसके बाद प्रधानमंत्री नवाज ने इस्तीफा दे दिया. 5 जजों वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में किसी एक जज ने भी नवाज के पक्ष में फैसला नहीं दिया.

करप्शन के इस केस का खुलासा पनामा पेपर्स के जरिए हुआ था. लेकिन आज जिस सुप्रीम कोर्ट की वजह से नवाज को इस्तीफा देना पड़ा है, उसी ने कभी नवाज की सरकार बचाई थी.

राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ नवाज के साथ खड़ा था SC

1993 में पाकिस्तान में एक संवैधानिक संकट खड़ा हो गया. अधिकारों को लेकर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और प्रेसीडेंट गुलाम इशाक खान में ठन गई. 1993 में ही पाकिस्तान में चुनाव होने थे. लेकिन चुनावों से पहले रूढ़िवादी मानसिकता के गुलाम इशाक खान ने पाकिस्तान आर्मी के साथ मिलकर नवाज की सरकार को बर्खास्त कर दिया.

इस फैसले को उन्होंने 8 वें संविधान संशोधन के तहत मिले 58-2b के जरिए लिया था.

राष्ट्रपति ने मीर बल्ख शाह को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. नवाज, राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए. जहां 11 सदस्यों वाली संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई की. फैसला 10-1 से नवाज शरीफ के पक्ष में गया. 26 मई 1993 को शरीफ की सरकार को दोबारा बहाल कर दिया गया. इस तरह सुप्रीम कोर्ट के दखल के चलते उस समय नवाज की सरकार बच पाई थी.

फिर प्रेसीडेंट और पीएम को देना पड़ा इस्तीफा

लेकिन प्रेसीडेंट और नवाज में खींचतान जारी रही. जुलाई में आर्मी चीफ अब्दुल वहीद वकार ने दोनों के बीच मध्यस्थता की. मीटिंग में तय हुआ कि प्रेसीडेंट खान और नवाज दोनों को इस्तीफा देना होगा. वैसे भी चुनाव नजदीक थे तो नवाज को भी रजामंदी करने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

मोईनुद्दीन अहमद कुरैशी के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार गठित की गई. जिसने आर्मी की देखरेख में शासन संभाला. नए चुनावों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी चुनाव जीती और बेनजीर भुट्टो प्रधानमंत्री बनीं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 28 Jul 2017,04:00 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT