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त्रिपुरा में पहली बार बीजेपी की सरकार बन गई है और बिप्लब कुमार देब त्रिपुरा के नए सीएम बन गए हैं. 25 सालों से त्रिपुरा में राज कर रही लेफ्ट के गढ़ में सेंध लगाने में अगर बीजेपी को कामयाबी मिली तो इसके असली नायक बिप्लब देब ही रहे, जिसका इनाम उनको मिला और सीएम का ताज उन्हें ही मिला.
48 साल के बिप्लब पिछले कई सालों से त्रिपुरा में बीजेपी के लिए जमीन तैयार कर रहे थे. जिस राज्य में बीजेपी कभी अपनी जमानत नहीं बचा पाती थी ,वहां उसे 43 सीटें मिली. पिछले चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी. वहां बीजेपी को शून्य से शिखर पर पहुंचाने में बिप्लब का सबसे बड़ा योगदान है.
बिप्लब 16 साल तक संघ के कार्यकर्ता रहे हैं. बिप्लब कुमार देब का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा में गोमती जिले के राजधर नगर गांव में हुआ था. बिप्लब देब ने त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से 1999 में ग्रेजुएशन किया था, इसके बाद वो दिल्ली में आगे की पढ़ाई के लिए आ गए.
बिप्लब ने लंबे समय तक बीजेपी सांसद गणेश सिंह के साथ बतौर पीए भी काम किया है. 17 सालों तक दिल्ली में रहने के बाद 2015 में उन्हें त्रिपुरा भेजा गया. त्रिपुरा में उन्होंने सिर्फ 3 सालों में वो करिश्ना कर दिखाया, जो सालों से बीजेपी नहीं कर पाई.
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त्रिपुरा में बिप्लब ने अपने संगठन को मजबूत किया, कार्यकर्ताओं के साथ दिन रात एक कर पार्टी के लिए काम किया. बिप्लब घर-घर जाकर लोगों से मिले उनके साथ उनकी पत्नी ने भी प्रचार की कमाल संभाली और उनकी मेहनत रंग लाई. आज त्रिपुरा में बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई है.
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