मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सद्गुरु पर गंभीर आरोप लगाने वाले तमिलनाडु के मंत्री PTR हैं कौन?

सद्गुरु पर गंभीर आरोप लगाने वाले तमिलनाडु के मंत्री PTR हैं कौन?

तमिलनाडु के वित्त मंत्री PTR बैंकर रह चुके हैं, दादा थे सीएम

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
पलानीवेल त्यागराजन
i
पलानीवेल त्यागराजन
(फोटो: पलानीवेल त्यागराजन/फेसबुक)

advertisement

तमिलनाडु के नए वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन इन दिनों काफी चर्चा में हैं. आधात्यामिक गुरु जग्गी वासुदेव, जिन्हें सद्गुरु भी कहा जाता है, को "पब्लिसिटी हाउंड" बताने के बाद त्यागराजन सुर्खियों में बने हुए हैं. लंबे वक्त तक अमेरिका में रहे त्यागराजन को पीटीआर के तौर पर भी जाना जाता है.

बैंकर से लेकर वित्त मंत्री बनने तक का सफर

पीटीआर मदुरई सेंट्रल से दूसरी बार जीतकर वित्त मंत्री बने हैं. उनके परिवार का राजनीति से लंबा संबंध रहा है. पीटीआर के दादा पीटी राजन 1930 के दशक में मद्रास प्रेसीडेंसी के मुख्यमंत्री थे, जबकि उनके पिता पीटीआर पलानीवेल राजन ने डीएमके के मंत्री के रूप में काम किया था.

पीटीआर के पास एनआईटी त्रिची की इंजीनियरिंग की डिग्री है. उन्होंने एमआईटी के स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया है. वह 1987 में भारत से अमेरिका चले गए थे. इसके 20 साल बाद वह अपनी पढ़ाई पूरी करके, वहां काम करके और अमेरिकी क्लासमेट से शादी करके लौटे थे.

साल 2011 में, पीटीआर एक हाई-प्रोफाइल बैंकर की जॉब के लिए सिंगापुर चले गए थे. इसके बाद वह 2015 में लौटे. एक साल बाद, उन्होंने मदुरई सेंट्रल से विधानसभा चुनाव जीता.

पिछले पांच सालों में, पीटीआर ने एक नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई. वह हर 6 महीने में अपने काम का एक रिपोर्ट कार्ड सामने रखते थे.

अब पीटीआर चेन्नई में अपनी पत्नी मार्गरेट राजन, स्कूल जाने वाले बेटों पलानीत्याग राजन और वेलत्याग राजन और पांच कुत्तों के साथ रहते हैं.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मोदी सरकार की वित्तीय नीतियों के आलोचक रहे पीटीआर के एजेंडे में शीर्ष मुद्दों में से एक केंद्र के साथ तमिलनाडु के जीएसटी बकाया का निपटारा करना है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सद्गुरु को लेकर पीटीआर ने क्या कहा?

अंग्रेजी अखबार द हिंदू को दिए एक हालिया इंटरव्यू के दौरान पीटीआर ने, तमिलनाडु के मंदिरों को राज्य सरकार के हिंदू रिलीजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट्स (एचआर एंड सीई) डिपार्टमेंट के प्रशासनिक नियंत्रण से मुक्त करने की संघ परिवार की मांग को "बकवास" बताकर खारिज कर दिया था.

जब इंटरव्यूअर ने इस मांग के लिए सद्गुरु के समर्थन का हवाला दिया, तो पीटीआर ने आधात्यामिक गुरु को “पब्लिसिटी हाउंड” करार दिया था.

उन्होंने कहा, ''जग्गी के मामले में, वह एक पब्लिसिटी हाउंड हैं, जो ज्यादा पैसा बनाने के लिए एक और एंगल खोजने की कोशिश कर रहे हैं. ” इसके आगे त्यागराजन ने कहा, ''वह मदद पाने के लिए भगवान और धर्म का इस्तेमाल करने का दिखावा करने वाले एक कमर्शियल ऑपरेटर हैं.''

इसके बाद एक ओपन लेटर में ईशा फाउंडेशन ने कहा, ''हम इस बात से स्तब्ध हैं कि उनके (जग्गी वासुदेव) के कद का एक व्यक्ति मंत्री के असंसदीय और व्यक्तिगत हमले का निशाना बना.''

उधर, जब सद्गुरु को लेकर पीटीआर के बयान पर विवाद हुआ तो उन्होंने 4 पेज का एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि उनका सद्गुरु के खिलाफ "कोई व्यक्तिगत एजेंडा" नहीं था.

उन्होंने बताया कि पिछली विधानसभा की लोक लेखा समिति के विपक्षी सदस्य के रूप में उन्हें सबसे पहले सद्गुरु और उनके ईशा फाउंडेशन के बारे में पता चला था. उन्हें 1994 से 2008 के बीच कोयंबटूर की वनभूमि पर फाउंडेशन के निर्माण में कथित अनियमितताओं और इसके हिल एरिया कंजर्वेशन अथॉरिटी से "पोस्ट-फैक्टो अप्रूवल" के अधिग्रहण पर एक "ऑडिट पैराग्राफ" मिला था.

पीटीआर ने इस पैराग्राफ को लेकर कहा कि इसने उन्हें इस मामले पर "रिसर्च" करने और "कई अन्य संभावित उल्लंघनों" का पता लगाने के लिए प्रेरित किया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 22 May 2021,03:31 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT