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पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर चिंता जताई है. उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर तंज कसते हुए नोटबंदी के फैसले पर भी सरकार पर वार किया है.
उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था का जो हाल किया है, उस पर अगर अब भी चुप रहा, तो ये नागरिक कर्तव्यों से पीछे हटना होगा. मुझे यह भी मालूम है कि जो मैं कहने जा रहा हूं बीजेपी के ज्यादातर लोगों की यही राय है, पर वो डर के कारण बोल नहीं पा रहे हैं.'
इंडियन एक्सप्रेस में छपे उनके लेख में यशवंत सिन्हा ने कहा कि मौजूदा समय में न तो विकास तेज हो रहा है और न ही नौकरी मिल रही है.
1. वित्त मंत्री जेटली पर तंज कसते हुए सिन्हा ने कहा, ”पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है, अब जिस तरह से उनके वित्त मंत्री काम कर रहे हैं, उससे लगता है कि वो सभी भारतीयों को गरीबी पास से दिखाएंगे.”
2. सरकार ने अरुण जेटली सबसे बड़ा चेहरा हैं. कैबिनेट का नाम तय होने से पहले ही ये तय था कि जेटली ही वित्त मंत्री होंगे. वो अपनी लोकसभा सीट भी हार गए, लेकिन उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सका.
3. मैंने वित्त मंत्रालय संभाला है मुझे पता है ये आसान काम नहीं है. ये 24 घंटे का काम है, जिसे जेटली जैसे ‘सुपरमैन’ भी पूरा नहीं कर सकते हैं.
4. अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्र संकट के दौर से गुजर रहे हैं. नोटबंदी एक बड़ी आर्थिक आपदा साबित हुई है.
5. सही तरीके लागू करने में विफल होने की वजह से जीएसटी ने कारोबार जगत में उथल-पुथल मचा दी है.
6. जीडीपी अभी 5.7 है. सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था. अगर पहले के हिसाब से देखा जाए तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती.
7. प्राइवेट इन्वेस्टमेंट काफी कम हो गई है. औद्योगिक उत्पादन खराब है, कृषि संकट में है और रोजगार देने के मामले में भी सुस्ती है.
वाजपेयी सरकार में यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री थे. नोटबंदी और जीएसटी को लेकर सरकार पर विपक्ष पहले से ही हमला कर रहा है. लेकिन ये पहली बार है जब बीजेपी के अंदर से ही आवाज उठी है.
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Published: 27 Sep 2017,11:44 AM IST