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बीजेपी से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा मोदी सरकार के खिलाफ मई में रैली करेंगे. इसमें कई राजनीतिक पार्टियों के शामिल होने की उम्मीद है. मुंबई में राष्ट्रीय मंच की दूसरी बैठक में उन्होंने इसका ऐलान किया.
मोदी सरकार के विरोध में राष्ट्रीय मंच के नेतृत्व में महाराष्ट्र दिवस के मौके पर 1 मई को कोल्हापुर में मार्च निकला जाएगा. इसके बाद 7 मई विदर्भ के अकोला में किसानों की रैली होगी और इसके बाद मुंबई मे आंदोलन की योजना है. इसमें कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि हिस्सा ले सकते हैं.
शनिवार को बीजेपी के सीनियर लीडर सिन्हा ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण बीजेपी के बीग विधायक समेत कई नेताओं के साथ बैठक की.
इस बैठक में बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, नागपुर से बीजेपी के बागी विधायक आशीष देशमुख, एनसीपी के प्रदेश कार्याध्यक्ष जितेंद्र आव्हाड, राज्यसभा सदस्य कुमार केतकर आदि शामिल हुए.
बैठक करीबन 3 घंटे तक चली इस बैठक मे देश की मौजूदा परिस्थिति पर चर्चा की गई. सिन्हा के नेतृत्व में हुई इस बैठक में मोदी सरकार के राज मे देश की न्याय व्यवस्था, संविधान, समाजिक ढांचा पर प्रमुखता से चर्चा हुई. इन लोगों ने कहा कि देश को तहस-नहस होने से बचाने के लिए अपने मतभेदों को भुलाकर लिए सभी को 2019 में साथ आने की जरूरत है.
एनडीए सरकार को लगातार घेरने वाले यशवंत सिन्हा ने 30 जनवरी को राष्ट्र मंच का गठन किया था. मंच के गठन के वक्त यशवंत सिन्हा के अलावा बीजेपी के एक और बागी शत्रुघ्न सिन्हा, टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी, कांग्रेस की रेणुका चौधरी, एनसीपी के माजिद मेमन, आम आदमी पार्टी के आशुतोष और संजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन और सोमपाल शास्त्री, समाजवादी पार्टी के घनश्याम तिवारी, आरएलडी के जयंत चौधरी, राज्यसभा सांसद रहे मोहम्मद अदीब, शाहिद सिद्दीकी और कई किसान संगठनों के नेता मौजूद थे.
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