मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019विपक्ष में सेंध,रात का धरना...ऐसे तख्तापलट करने वाले येदियुरप्पा से ही छिना तख्त

विपक्ष में सेंध,रात का धरना...ऐसे तख्तापलट करने वाले येदियुरप्पा से ही छिना तख्त

Yediyurappa के तख्त छिनने के पीछे 2019 के तख्तापलट से संबंधित आरोपों का भरा-पूरा इतिहास है

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का इस्तीफा</p></div>
i

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का इस्तीफा

(फोटो: Altered by Quint)

advertisement

महीनों की सियासी उठापटक के बाद आखिरकार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने 26 जुलाई को अपना इस्तीफा राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया. जुलाई 2019 में राज्य के 14 महीने की कांग्रेस-जेडीएस सरकार के तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले येदियुरप्पा खुद भी 2 साल बाद आउट हो गए.

मुख्यमंत्री के तौर पर चुनौतियों से घिरे रहे येदियुरप्पा

राज्य सरकार में कथित तौर पर "ऑपरेशन कमल" की मदद से मुख्यमंत्री बने येदियुरप्पा को 'कमल पार्टी' ने बाहर का रास्ता दिखाया है. मुख्यमंत्री के तौर पर येदियुरप्पा के लिए अपनी गद्दी बनाए रखना हमेशा से मुश्किल रखा. उन्हें 2007 में एक हफ्ते, 2008 में साढ़े तीन साल, 2018 में 3 दिन और 2021 में 2 साल के कार्यकाल के बाद इस्तीफा सौंपना पड़ा है.

हालांकि इस बार तख्त छिनने के पीछे 2019 के तख्तापलट से संबंधित आरोपों का भरा-पूरा इतिहास है. विपक्षी विधायकों में सेंध, सदन में सोना, कोर्ट कचहरी, ऑडियो लीक और हाल ही में पेगासस खुलासे तक... इस तख्त के लिए क्या-क्या तिकड़म करने के आरोप लगे?

कर्नाटक मे जब हुआ "ऑपरेशन कमल"

31 मार्च 2021 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा को झटका देते हुए जुलाई 2019 में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार को गिराने के लिए 'ऑपरेशन कमल' में उनकी भूमिका की जांच को मंजूरी दे दी थी.

दरअसल यह कार्रवाई तब हुई थी जब एक ऑडियो लिक हुआ जिसमें येदियुरप्पा कथित तौर पर एक विधायक के बेटे को इस बात के लिए राजी करा रहे थे कि वह अपने पिता से इस्तीफा दिलवाये और फिर पार्टी बदल ले.

2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था .224 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा 104 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी .कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 सीटें थी.

राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए हाथ मिलाया और येदियुरप्पा को विश्वासमत साबित करने के पहले ही इस्तीफा देना पड़ा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जून 2019 में कांग्रेस-जेडीएस के 15 विधायक विधानसभा से इस्तीफा देकर मुंबई चले गए थे. इस्तीफे के तुरंत बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया. इस कारण कांग्रेस-जेडीएस की 14 महीने पुरानी सरकार 23 जुलाई 2019 को सदन में बहुमत साबित करने में असफल रही. उसके पक्ष में 99 वोट जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े.

पूरे ड्रामे में कांग्रेस-जेडीएस शुरू से ही येदियुरप्पा पर आरोप लगाते रहे कि उन्होंने 'ऑपरेशन कमल' के तहत विधायकों को तोड़कर अपने पाले में मिलाया. खासकर ऑडियो लीक के बाद इस आरोप को और बल मिला.

हालांकि यह पहली बार नहीं था जब येदियुरप्पा ने कथित तौर पर 'ऑपरेशन कमल' के तहत अपनी स्थिति मजबूत की थी. 2008 विधानसभा चुनाव में येदियुरप्पा की अगुवाई में बीजेपी को 110 सीटें मिली और वह बहुमत से 3 सीट दूर रही. ऐसे में उन्होंने छह निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार बनाई. लेकिन फिर उन पर आरोप लगा कि उन्होंने 'ऑपरेशन कमल' के इस्तेमाल से विरोधी पार्टियों के विधायकों को तोड़ा और बीजेपी विधायकों की संख्या 124 तक पहुंच गई.

रात में विधानसभा में 'सोने वाली पॉलिटिक्स'

2019 में विधायकों के इस्तीफे के बाद येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने अपनी कवायद तेज कर दी और 19 जुलाई को कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर विश्वास मत साबित करने को दबाव बनाने के लिए येदियुरप्पा ने पूरी टोली के साथ विधानसभा में सोकर रात गुजारी.

19 जुलाई 2019 को येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने  विधानसभा में सोकर रात गुजारी. (फोटो-PTI )

कोर्ट को भी देना पड़ा दखल 

2019 में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरने के पॉलिटिकल ड्रामे के बीच सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा. पहले बागी विधायकों ने कुमारस्वामी से सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि 15 बागी विधायकों को कर्नाटक सरकार विश्वास मत में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं कर सकती.

आखिरकार 23 जुलाई को येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद पर वापसी का मौका तब मिला जब कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बहुमत साबित करने में नाकाम रही.

हालांकि येदियुरप्पा को विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप से छुटकारा नहीं मिला और ऑडियो लीक होने के बाद 31 मार्च 2021 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने ऑपरेशन कमल में उनकी भूमिका की जांच का आदेश दिया.

ऐसे में इतनी तिकड़म बाजी और कांग्रेस-जेडीएस सरकार के तख्तापलट के बाद अब खुद के तख्त चले जाने से येदियुरप्पा के हाथ निराशा लगी है.

"दलबदल और भ्रष्टाचार" से पैदा हुई एक अवैध सरकार- कांग्रेस 

AICC महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सीएम येदियुरप्पा के इस्तीफे पर ट्वीट करते हुए कहा कि यह "दलबदल और भ्रष्टाचार" से पैदा हुई एक अवैध सरकार है.

"बीमारी बीजेपी की भ्रष्ट सरकार और कर्नाटक में भयावह कुशासन के साथ है क्योंकि यह "दलबदल और भ्रष्टाचार" से पैदा हुई एक अवैध सरकार है. क्या केवल चेहरा बदलने से कुशासन और पतन की पर्याय बन चुकी बीजेपी सरकार का शैतानी चरित्र बदल जाएगा."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT