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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में करैली स्थित जावेद मोहम्मद (Javed Mohammed) के घर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रशासन ने रविवार, 12 जून को जावेद का घर बुलडोजर से ढहा दिया.
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के बाद जावेद मोहम्मद को शुक्रवार को प्रयागराज में भड़की हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता मानकर गिरफ्तार किया था. साथ ही साथ उनकी पत्नी और एक बेटी को भी हिरासत में लिया गया है. कई जिलों में हुई हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी क्रम में प्रयागराज से 90 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें जावेद मोहम्मद भी हैं.
पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के भड़काऊ बयान के बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के तकरीबन 9 जिलों में आंदोलन हुआ था. प्रयागराज में इस आंदोलन ने जबरदस्त हिंसा का स्वरूप ले लिया था जहां घटना के दौरान पुलिस बल पर लगातार पत्थरबाजी होती रही. पत्थरबाजी के अलावा भीड़ ने हिंसा और आगजनी करते हुए पुलिस की कई गाड़ियों को निशाना बनाया. इस दौरान पुलिस आरएफ और पीएसी के कई जवान घायल भी हुए.
शनिवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से जावेद मोहम्मद को उनके करेली स्थित आवास के लिए एक नोटिस उनके घर पर चस्पा किया गया था. इस नोटिस के माध्यम से उन्हें बताया गया था कि उनका दो मंजिला आवास अवैध रूप से बना है तथा इसके ध्वस्तीकरण की कार्यवाही रविवार को 11 बजे के बाद की जाएगी.
रविवार को सुबह जेसीबी के साथ-साथ कई थानों की फोर्स और पीएसी की कई टुकड़ियां प्रयागराज के करैली थाने पहुंचने लगे. दोपहर 12 बजे के बाद आला अधिकारी पुलिस बल के साथ जावेद मोहम्मद के करैली स्थित आवास पहुंचे, जहां पर बुलडोजर के माध्यम से ध्वस्तीकरण शुरू हुआ.
बुलडोजर कार्यवाही की शुरुआत शनिवार को सहारनपुर से हुई, जहां आंदोलन और हिंसा में गिरफ्तार हुए दो अभियुक्त मुजम्मिल और अब्दुल वाकिर के मकानों को स्थानीय पुलिस ने गिरा दिया था. सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था पर हुई एक बैठक के बाद उपद्रवियों को लेकर अपना रुख साफ कर दिया था. बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट में कहा:
मुकम्मल तैयारियों का दावा करने के बावजूद कानपुर में घटी हिंसा के ठीक 1 हफ्ते बाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हुए आंदोलन और हिंसा के बाद राज्य प्रशासन सकते में आ गया था. प्रयागराज में अपर पुलिस महानिदेशक समेत सभी आला अधिकारियों को सड़क पर उतरकर मोर्चा संभालना पड़ गया था.
जून 10 को हुए हिंसा और आंदोलन में उत्तर प्रदेश के तकरीबन 9 जिले प्रभावित हुए थे. पुलिस ने जांच शुरू करते हुए आंदोलनकारियों को पहचाने के साथ-साथ उनकी धरपकड़ के लिए कार्यवाही तेज कर दी है. पूरे प्रदेश में अभी तक 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार 9 जिलों में 300 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
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