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वाराणसी, 9 फरवरी (आईएएनएस)| अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को संत शिरोमणि रविदास जयंती पर उनकी जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर पहुंचकर मत्था टेका और आशीर्वाद लिया। प्रियंका ने अमृतवाणी पर माला चढ़ाने के बाद प्रसाद ग्रहण किया। प्रियंका गांधी देश-विदेश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्घालुओं के बीच सत-संगत में रहीं और संगत में अपने विचार रखे।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, "साहिबे कमाल सतगुरु श्री रविदास जी महराज की जयंती पर उनके जन्मस्थान मंदिर की चौखट पर मुझे मत्था टेकने का मौका मिला। यह मेरा सौभाग्य है।"
उन्होंने कहा कि सतगुरु कबीरदास जी और सतगुरु रविदास जी ने हम सबको अपनी वाणी और संदेश से हर एक इंसान को बराबर मानने, भाईचारे और मेहनत की इज्जत करने की शिक्षा दी।
प्रियंका गांधी ने कहा, "हमारी बहुत पुरानी सोच रही है जो हर इंसान में भगवान को देखती है और इंसान को जात-पात और धर्म के चश्मे से नहीं, बल्कि सिर्फ इंसान के रूप में देखती है। संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महराज उस सोच के अगुआ हैं।"
उन्होंने कहा, "गुरु रविदास जी वाणी में कहते हैं कि राम और रहीम एक हैं। हम सब में एक ही ईश्वर का अंश है। एक ही मिट्टी से हम सब बने हैं। हम सबको उनकी वाणी और शिक्षाओं से सीखना चाहिए।"
प्रियंका ने रविदास वाणी सुनाते हुए कहा, "ऐसा चाहूं राज में, जहां मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न।"
महासचिव ने कहा, "सतगुरु रविदास जी महाराज ने बेगमपुरा का सपना देखा था। ऐसा समाज, ऐसा शहर जहां ऊंच-नीच नहीं, भेदभाव नहीं, जहां हर इंसान की इज्जत हो, सबके आत्मसम्मान की रक्षा हो। हमारे संविधान में भी यही बात है।"
उन्होंने कहा, "आज सतगुरु रविदास जी के सपने को जन-जन तक ले जाने की जरूरत है। आज हम सबको संत रविदास जी की बताई गई बातों पर अमल करने की जरूरत है। आज रविदास जी की वाणी को दिल में बसाने की जरूरत है।"
कांग्रेस महासचिव ने संत शिरोमणि रविदास जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आज आप सबके बीच आकर मुझे बहुत ज्यादा खुशी और आध्यात्मिक प्रेरणा मिली है।
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