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भोपाल, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण मंदसौर और नीमच जिलों के 46,000 से अधिक लोगों को रविवार देर रात तक सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने इसकी घोषणा की। इंदौर सहित 10 जिलों में मौसम विभाग ने भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
दोनों पड़ोसी जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने सोमवार सुबह तक बेहद भारी बारिश की चेतावनी दी है।
रविवार की देर शाम एक संदेश में जनसंपर्क के संयुक्त निदेशक मनोज पथ ने कहा, "मंदसौर में 100 से 125 गांवों के 45,000 से अधिक लोगों को वहां से निकाला गया है। इनमें से कुछ गांव पूरी तरह से खाली हो गए हैं, जबकि अन्य गांवों में कुछ जगह खाली कराए गए हैं।"
इंदिरा सागर और सरदार सरोवर बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में रह रहे 32,000 परिवारों को दो बांधों में खतरनाक रूप से बढ़ रहे जलस्तर से बाढ़ की चपेट में आने का खतरा है।
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार शाम तक दोनों जिलों को भारी बारिश से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं।
मंदसौर, नीमच, आगर मालवा और अलीराजपुर क्षेत्रों में सोमवार तक अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान है।
नागरिक समाज संगठनों ने मध्य प्रदेश की सरकार से अपील की है कि वह नर्मदा घाटी में प्रभावित परिवारों को बचाने में मदद करे।
नीमच के एक राज्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि राहत बचाव कार्य जोरों पर हैं। उन्होंने कहा, "हम परिस्थितियों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।" उन्होंने कहा कि मंदसौर के गांधी सागर बांध के बैक वाटर लेवल में खतरनाक वृद्धि के बाद नीमच जिले के बाढ़ग्रस्त रामपुरा शहर से लगभग 2,300 लोगों को निकाला गया है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को रविवार को राहत शिविरों में लाने से पहले बचावकर्मियों ने रातभर सतर्कता बरती। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के कार्यालय के अनुसार, मंदसौर में 218 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि नीमच के मानसा शहर में रविवार सुबह तक 24 घंटों में 243 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विभाग ने बताया कि मंदसौर जिले में 1 जून से अब तक कुल 1,927.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि औसत बारिश 742.1 मिलीमीटर थी। नीमच में अब तक कुल 1,569.7 मिलीमीटर बारिश हुई है और इस मानसून में 706.9 मिलीमीटर औसत बारिश है।
बांध परियोजना के उप-विभागीय अधिकारी एन.पी. देव ने कहा कि भारी बारिश के बाद गांधी सागर बांध के 19 जलनिकासी द्वार खोले गए और 4.93 लाख क्यूसेक पानी निकाला गया।
आईएमडी ने कहा कि रविवार को रुक-रुक कर हुई बारिश ने मध्य प्रदेश के कई हिस्सों को तबाह कर दिया, जिसमें अब तक मौसम के औसत से 33 फीसदी अधिक बारिश हुई है। आईएमडी भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक जी.डी. मिश्रा ने कहा कि पूर्वी मध्य प्रदेश में मानसून थोड़ा कमजोर हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्सों में सक्रिय है।
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